
जावरा। शहर की रेलवे फाटक पर स्वीकृत ओवरब्रिज के निर्माण में रेलवे की हरी झंडी दिलवाने के लिए प्रशासन के मुखिया मुख्य सचिव ने रेलवे को चि_ी लिखकर जावरा के ओवरब्रिज निर्माण के लिए हरी झंडी देने का आग्रह किया है। इसका जवाब सेतु विभाग के पास भी आया। इसमें ब्रिज के मसले पर रेलवे की और से दी जाने वाली अनुमति का मामला रेलवे के हेड क्वार्टर पर जनरल मैनेजर के पास लंबित है। विडंबना यह है कि तमाम तैयारी पूरी कर ओवरब्रिज निर्माण शुरू करवाने के लिए बैठे सेतु विभाग को रेलवे की और से अब भी हरी झंडी मिलने का इंतजार है। ३५ करोड़ से अधिक की राशि में बनने वाले ब्रिज को लेकर सेतु विभाग ने भले ही तैयारी पूरी कर ली हो लेकिन रेलवे की एक स्वीकृति के इंतजार में यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाया है। फाटक पर ओवरब्रिज चुनावी मुद्दा रहा है, ऐसे में अब अगले साल फिर विधानसभा के चुनाव नजदीक है तो ब्रिज को लेकर अटकलों का बाजार भी गर्म हो चला है।
बार-बार अवरोध आते हैं
सालों से शहर को जिस सौगात का इंतजार था, सरकार ने वह सौगात दे दी तो काम शुरू होने में ही लंबा समय बीत गया। ब्रिज की राह में रोड़ों के कारण शहर इस सौगात से अब भी वंचित होकर हर दिन परेशानी झेल रहा है। राजनीतिक प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके शहर की इस ज्वलंत समस्या के निदान के लिए अब २९ को होने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के दौरे से हर किसी को आस बंधी है। फाटक पर ओवरब्रिज जब स्वीकृत हुआ तो आस जगी थी कि समस्या का जल्द समाधान होगा, लेकिन काम प्रारंभिक स्तर पर शुरू होते हैं ऐसे अवरोध खड़े किए लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी काम शुरू नहंी हो पाया और अब भी शहर ब्रिज की आस लगाए बैठा है।
मुख्यमंत्री के दौरे से जागी उम्मीद
फाटक पर अंडर और ओवर दोनों ब्रिज स्वीकृत है, लेकिन विडबंना करोड़ों की स्वीकृति सौगात अधर में लटकी हुई है। ओवरब्रिज पर समस्त प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद रेलवे की हां का इंतजार है। ऐसे में हर दिन शहर फाटक के कारण परेशान हो रहा है। चुनावी मुद्दा रहे यह ब्रिज का मसला शहर में सीएम की हुई जनसभाओं में उनके सामने अहम रहा है। अब एक बार फिर से २९ को जब सीएम आ रहे है तो अनुमति के फेर में उलझे इस ब्रिज के मुद्दे को लेकर शहरवासियों को सीएम से आस है। ब्रिज के मुद्दें पर फंसे पेंच को सीएम सुलझाकर करोड़ों की इस जनसौगात का काम शुरु करवाएं तो सालों से ब्रिज के इंतजार में जुझ रहे शहरवासियों का फाटक पर ब्रिज का सपना पूरा हो सकेगा और लोगों को फाटक के जाम से मुक्ति मिलने के साथ सुविधा मिलेगी।
मुख्य सचिव ने लिखी चि_ी
रेलवे की ड्राइंग फाइनल होने के बाद ही काम शुरू कर सकते हैं। भू-अर्जन के लिए राजस्व, विद्युत लाइन शिफ्ट के लिए एमपीईबी और पाइप लाइन के लिए नपा को चि_ी लिख चुके हैं। यह प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी। इसके अलावा टैंडर से लेकर अन्य तमाम प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। रेलवे की और से अनुमति मिलने का इंतजार है। मुख्य सचिव ने रेलवे को इसके लिए गत दिनों चि_ी लिखी है, इसमें ब्रिज निर्माण के लिए रेलवे की और से अनुमति जारी करने की मांग की है। इसका जवाब हमारे पास आया है। इसमें मामला रेलवे के जनरल मैनेजर के पास लंबित होना बताया है। बिना रेलवे की अनुमति के काम शुरु नहीं कर सकते। अनुमति मिलते ही सभी प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू करवाया जाएगा।
आरके गुप्ता, एसडीओ, सेतु विभाग, रतलाम
तमाम प्रक्रिया पूरी
ब्रिज को सरकार के शून्य बजट में शामिल करवाने से लेकर अब तक इस मामले में शासन स्तर पर लगातार प्रयास कर हर एक प्रक्रिया को पूरा किया है। सरकार ने ३५ करोड़ से अधिक की राशि ओवरब्रिज के लिए स्वीकृत कर दी है। टैंडर के साथ ही राज्य शासन की समस्त प्रक्रियाएं पूर्ण हो चुकी है। रेलवे की और से अनुमति मिलने का इंतजार है। रेल मंत्री से भी जाकर मिला हु। अनुमति मिलते ही स्वीकृत जन सौगात का काम अविलंब शुरु करवाया जाएगा। ब्रिज के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रहा हूं।
-डॉ. राजेंद्र पांडेय, विधायक
प्रक्रिया में चल रहा है
जावरा फाटक पर ओवरब्रिज का मसला प्रक्रिया में चल रहा है। तमाम प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद पिंक बुक में शामिल होने के बाद इस पर काम होगा।
-जेके जयंत, पीआरओ
Published on:
22 Nov 2017 12:14 am
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