
रतलाम. रेलवे ने 100 वर्ष बाद आरपीएफ के लिए नियम में बदलाव किया है। अब तक रेलवे में टीटी याने की टिकट निरीक्षक को इस बारे में जानकारी देना होती थी कि उनकी जेब में कितने रुपए है। लेकिन इस नियम के बदलाव के बाद अब आरपीएफ के जवान से लेकर अधिकारी को प्रतिदिन ड्यूटी पर जाते ही यह बताना होगा उनकी जेब में कितना माल है। रेलवे ने यह बदलाव आरपीएफ की छवि को बेहतर बनाने के लिए किया है।
अब आरपीएफ में भी लागू हुआ नियम
रेलवे में नियम है कि जब टिकट निरीक्षक ट्रेन में नौकरी के लिए जाते है या स्टेशन पर उनकी ड्यूटी लगती है तब उनको पहले जेब में कितनी नगद राशि है इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारी को देना होती है। रेलवे के वाणिज्य विभाग में इस नियम को इसलिए लागू किया हुआ है, जिससे यात्री रुपए लेनदेन के आरोप लगाए तो विजिलेंस से लेकर अन्य जांच कर सकें। अब इसी नियम को आरपीएफ में भी लागू कर दिया गया है। रेल मंडल में इस आदेश का पालन शुरू हो गया है।
इस तरह होगा लाभ
असल में रेल मंडल सहित देशभर की यात्री ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ जवान की ड्यूटी लगती है। इस वर्ग को रेलवे यात्री डिब्बा क्रमांक एस-1 में 71 नंबर की सीट आरक्षित करके देता है। हालांकि आरपीएफ जवान राजधानी सहित अन्य मेल एक्सप्रेस ट्रेन में दी हुई सीट का उपयोग करने के बजाए लगातार सभी डिब्बों में यात्री सुरक्षा के लिए भ्रमण करते है। अन्य मंडल में आरपीएफ जवान पर यात्री के रुपए लेने के आरोप लगे हैं। इसलिए इस नियम को लागू किया गया है। इससे बड़ा लाभ यह होगा कि जब यात्री अब आरपीएफ जवान पर आरोप लगाएगा तो जेब की तलाशी हो सकेगी। जिससे दूध का दूध व पानी का पानी हो सकेगा। मंडल रेल प्रबंधक विनीत गुप्ता ने इस नियम के लागू होने के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम रेलवे में वर्ष 2017 में आरपीएफ के लिए ड्यूटी के समय जेब में नगदी की जानकारी देना अनिवार्य किया गया था। इसको अब लागू कर दिया गया है। इससे यात्रियों को लाभ होगा।
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Published on:
09 Jun 2021 03:03 pm
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