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राखी बांधने का मुहूर्त, दस महायोग एक साथ

1991 में सर्वार्थ सिद्धि व आयुष्यमान योग सहित थे कई ग्रहों का जोड़

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raksha bandhan festival celebration on 03 August 2020

raksha bandhan festival celebration on 03 August 2020

रतलाम. इस बार सोमवार की श्रावण माह की पुर्णिमा जब 3 अगस्त को होगी तब रक्षाबंधन का पर्व उत्साह के साथ मनाया जाएगा। तीस वर्ष बाद इस बार रक्षाबंधन को दस बड़े योग बन रहे है जो भाई की कलाई पर बहन द्वारा बांधी जाने वाली राखी को महत्वपूर्ण बनाएंगे।

165 वर्ष बाद आ रहा महायोग

भाई-बहन के प्रेम उत्सव का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन का पर्व इस बार तीन अगस्त को कई शुभ संयोग में मनाया जाएगा। इस बार श्रावणी पूर्णिमा के साथ महीने का श्रावण नक्षत्र भी पड़ रहा है। इसलिए पर्व की शुभता और बढ़ रही है। श्रावणी नक्षत्र का संयोग पूरे दिन रहेगा। हालांकि सुबह सवा सात बजे तक भद्रा रहेगा। भद्राकाल में पर्व मनाना शुभ नहीं माना गया है, इसलिए यह समय निकल जाने के बाद ही पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार रक्षाबंधन के पर्व पर इसके पूर्व में भी कई बार भद्रा की स्थिति बनी है।

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यह विशेष योग है इस बार

1991 के बाद इस साल रक्षाबंधन पर विशेष संयोग बन रहा है। पूर्णिमा तिथि पर सूर्य, शनि के सप्तक योग, प्रीति योग, आयुष्मान योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर राशि का चंद्रमा, श्रवण नक्षत्र, उत्तराषानक्षत्र, आखिरी सोमवार के दिन रक्षाबंधन होने से यह कृषि क्षेत्र के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है।

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IMAGE CREDIT: NET

यह रहेगा राखी बांधने का शुभ समय

ज्योतिषी रावल के अनुसार रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 9 से 10.30 बजे तक शुभ, दोपहर 1.30 से 3 बजे तक चल की चौघडिय़ा, दोपहर 3 से 4.30 बजे तक लाभ की चौघडिय़ा, शाम 4.30 से 6 बजे तक अमृत की चौघडिय़ा, शाम 6 से 7.30 बजे चल की चौघडिय़ा का योग बन रहा है। इसके साथ ही इस बार पर्व पर कई शुभ संयोग भी बने हैं। सावन माह का आखिरी सोमवार, श्रावण पूर्णिमा, श्रावणी नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि का विशेष संयोग बन रहा है। यह दिन नामकरण, अन्न प्राशन, यात्रा, व्यापार, वाहन क्रय के लिए अच्छा है। ब्राह्मण वर्ग रक्षाबंधन के लिए श्रावणी उपकर्म जनेऊ बदलते हैं। इसलिए भद्रा के बाद यह संस्कार किया जा सकता है।

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