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#Ratlam में सलीम और सुल्तान से पुलिस की है खास दोस्ती, VIDEO

एक मामले में गवाह बोले, अपराधी को नहीं जानते, पुलिस करा लेती खाली कागज पर हस्ताक्षरपुलिस के दो परमानेंट गवाह, 100 से अधिक मामलों में दी गवाहीसभी एसपी को जारी किया गया था पत्र

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Watch VIDEO: Players showed talent in skating in #Ratlam

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रतलाम. शहर के स्टेशन रोड पुलिस ने धारा 151, जिसे आम बोलचाल में शांति भंग कहा जाता है, के तहत पिछले दो वर्ष में अब तक जितने अपराधी पकड़े हैं, उनमें अधिकांश में पुलिस के अहम गवाह दो ही व्यक्ति हैं। दोनों ही गवाह सगे भाई हैं। एक मामले में पुलिस के दोनों परमानेंट गवाह पलट गए हैं। ऐसे में पुलिस की किरकिरी हो गई। गवाही के अभाव में मामला लंबित हो गया।

स्टेशन रोड थाना पुलिस धारा 151 में जब भी किसी को पकड़ती है तो पुलिस की तरफ से अहम गवाह सुल्तान पिता सिकंदर अब्बासी व सलीम पिता सिकंदर अब्बासी निवासी मोचीपुरा ही रहते हैं। अब तक पुलिस ने इन दोनों गवाहों का कई केस में उपयोग किया है। इनकी गवाही से कई लोगों को फायदा मिला है लेकिन एक मामले में इन दोनों गवाह ने बयान में ये कह दिया है कि वे अपराधी को नहीं जानते, पुलिस ने जिस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाए, वे कोरे थे। पुलिस आए दिन मुझसे थाने पर बुलवाकर कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लेते हैं।

क्या है 151 की कार्रवाई

151 की कार्रवाई तत्काल किसी अपराध को रोकने के उद्देश्य से की जाती है। यदि कोई अपने घर वालों के साथ मारपीट करने पर आमदा है या फिर किसी अन्य तरह से वह शांति व्यवस्था भंग कर सकता है तो उस स्थिति में 151 की कार्रवाई की जा सकती है। इसमें आरोपी को कुछ देर के लिए थाने में बंद रखने का अधिकार पुलिस को है ताकि अपराध घटित न हो सके।

ये उदाहरण जिसमें सुल्तान व सलीम है गवाह

प्रकरण नंबर - 279, धारा 151

प्रकरण नंबर - 285, धार ा151

प्रकरण नंबर - 240, धारा 151

प्रकरण नंबर - 268, धारा 151

प्रकरण नंबर - 220, धारा 151

प्रकरण नंबर - 285, धारा 151

प्रकरण नंबर - 215, धारा 151

151 की कार्रवाई कर देती

पुलिस थानों में 151 की प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के सबसे अधिक दुरुपयोग की शिकायतें आती हैं। अमूमन इसका उपयोग तत्काल किसी अपराध को रोकने के लिए किया जाना चाहिए लेकिन पुलिसकर्मी अपनी इच्छानुसार लोगों पर 151 की कार्रवाई कर देते हैं। कई बार तो लोगों को जेल जाने तक की नौबत आ जाती है। लगातार मिल रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए डीजीपी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किया था, जिसमें स्पष्टतौर पर कहा है कि 151 की कार्रवाई फरियादी को खुश करने के लिए नहीं की जा सकती है। जब कभी थानों में छोटे-छोटे विवादों की शिकायतें पहुंचती हैं तो पुलिस उसमें आरोपी को पकड़कर उनके खिलाफ 151 की कार्रवाई कर देती है।

गंभीर मामला, जांच करेंगे

ये बेहद गंभीर मामला है। इसमें जांच कमेटी का गठन किया जाएगा। पुलिसकर्मियों ने अगर ऐसा किया है तो कार्रवाई करेंगे।

- मनोजसिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक, रतलाम रेंज