रतलाम. मध्यप्रदेश के रतलाम में महारानी राजकुंवर जिला अस्पताल हो या महिला व शिशु रोग शासकीय अस्पताल, यहां पर भर्ती होने वाले मरीजों को दो समय दिए जाने वाले भोजन में खेला हो रहा है। कायदा कहता है कि हार्ट अटैक व प्रसुताओं के भोजन की गुणवत्ता अलग-अलग होती है, लेकिन दोनों अस्पताल में एक जैसा भोजन बनाकर मरीजों को दिया जा रहा है। बड़ी बात ये है कि आपको बीमारी कोई सी भी हो, भोजन वो ही मिलेगा, जो बनाने वाला देगा। एमसीएच में तो भोजन के लिए साथ में बर्तन भी मरीजों को ही लाना होता है।शासकीय जिला अस्पताल व एमसीएच में सुबह 9 बजे पोहा व दलिया, दूध देने का नियम है। यहां भर्ती मरीजों के अनुसार दलिया व दूध इतना पानीदार होता है कि लेने का मन ही नहीं करता। पोहा देने की बात कागज में है, हकीकत में पोहा मरीजों के बजाए चहेते कर्मचारियों में बांटा जा रहा है।