Ratlam will be made a division: विकास की तैयारी: शासन ने मांगी फार्मेट में जानकारी, भू-अभिलेख कार्यालय ने राजस्व के अवर सचिव को पत्र लिखकर अवगत कराया
Ratlam will be made a division, process caught pace
रतलाम। विकास की तैयारी: रतलाम को संभाग का दर्जा देने की लंबे समय से हो रही मांग पर एक बार फिर पत्राचार की शुरूआत हो गई है। भू-अभिलेख कार्यालय ने राजस्व विभाग के अवर सचिव को पत्र लिखकर संभाग का दर्जा संबंधी निर्देश एवं गाइड लाइन की छाया प्रति उपलब्ध कराने का मांग की है। पूर्व में शासन से जारी पत्र कार्यालय को नहीं मिलने के कारण संभाग संबंधी प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी, अब पत्र पर जानकारी शासन को भेजी जा सकेगी।
रतलाम को संभाग बनाने की प्रक्रिया के पत्राचार के संबंध में 5 सितंबर को कलेक्टर भू-अभिलेख के कार्यालय प्रभारी ने राजस्व विभाग भोपाल के अवर सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में बताया गया कि पूर्व में 4 जून 2019 को संदर्भित पत्र स्थानीय कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है। इसके चलते रतलाम जिला को संभाग बनाने संबंधी कार्रवाई के निर्देश भी प्राप्त नहीं होने से प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी है। बता दे कि रतलाम को संभाग का दर्जा देने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अब तक इस पर सकारात्मक निर्णय नहीं हो पाया है।
पूर्व के पत्र की छाया प्रति स्थानीय भू-अभिलेख कार्यालय को उपलब्ध होने पर संभाग संबंधी जानकारी एकत्रित की जाएगी और समय सीमा के दौरान इसको शासन के राजस्व विभाग को भेजा जाएगा। रतलाम को संभाग का दर्जा दिए जाने के संबंध में 22 जुलाई 2019 को राजस्व विभाग की ओर से पत्राचार किया गया था। इसके बाद विभाग ने 22 अगस्त को फिर से पत्र भेजकर संभाग गठन संबंधी भू-अभिलेख के पास एकत्रित जानकारी मांगी गई थी, लेकिन उक्त दोनों ही पत्रों से पूर्व जारी पत्र 4 जून नहीं मिलने के कारण भू-अभिलेख कार्यालय आवश्यक जानकारी नहीं भेज पाया, अब फिर से पत्राचार किया जा रहा है।
इस तरह बना है रतलाम का संभाग प्रस्ताव वर्ष 2015 से ही रतलाम को संभाग बनाने की प्रक्रिया का दावा किया जा रहा है। रतलाम नगर निगम सहित जनप्रतिनिधियों की ओर से प्रस्ताव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समक्ष भी यह मांग उठी थी। शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने अपने खुद सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था, लेकिन इसके बाद विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के चलते प्रशासनिक तौर पर किसी तरह की हलचल नहीं हो सकी।
मंदसौर-नीमच-झाबुआ-आलीराजपुर भी हिस्सा पूर्व में मांग पत्रों के अनुसार शासन को भेजे गए प्रस्ताव में रतलाम को संभाग बनाने के लिए इसमें मंदसौर, नीमच, झाबुआ, आलीराजपुर जिलों को भी शामिल किया गया है। पांच जिलों के सभी अनुविभाग इस संभाग का हिस्सा होंगे। फिलहाल इन जिलों के लिए इंदौर और उज्जैन संभागीय मुख्यालय है। रतलाम, मंदसौर और नीमच के लिए उज्जैन तो झाबुआ और आलीराजपुर के लिए इंदौर संभागीय दर्जा के साथ व्यवस्था देखता है।
हमने पत्र की छाया प्रति मांगी है शासन के राजस्व विभाग की ओर से रतलाम जिले को संभाग के संबंध में पत्राचार किया गया है। पूर्व में इसके लिए जारी एक पत्र हमारे कार्यालय को प्राप्त नहीं हो सका, इसलिए संभाग संबंधी जानकारी नहीं भेजी गई, अब हमने पुन: पत्र की छाया प्रति उपलब्ध कराने की मांग की है, यह मिलने के बाद जानकारी एकत्रित कर शासन को भेजी जा सकेगी। – एमएस बारस्कर, प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख रतलाम