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रतलाम

देखें वीडियो: सुखी जीवन के लिए संग्रह कम करो : आचार्यश्री कुलबोधि महाराज

रतलाम। वस्तुओं का अनावश्यक संग्रह आत्मा पर बोझ के समान है। जब तक यह बोझ नहीं हटेगा आत्मा में परम् आनंद की अनुभूति नहीं होगी। इसलिए रेल या जीवन का सफर सुखी, सुरक्षित और सरल बनाना है तो संग्रह कम करो, वरना जीवन व सफर के अंत में स्टेशन पर इतना संग्रहित सामान उतारना मुश्किल हो जाएगा।

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यह विचार आचार्य कुलबोधि सूरीश्वर महाराज ने शुक्रवार सुबह टाटानगर बुद्धेश्वर हाल में दो दिवसीय प्रवचन के प्रथम दिन व्यक्त किए। महाराजश्री ने प्रवचन के दौरान संजय कोठारी को बुलाकर कहा कि आपके परिवार ने बड़ा सुंदर मंदिर बनवाया है, मेरे पास आकर बैठो। इसके बाद सभी श्रावक-श्राविकाओं से कहा कि कल के प्रवचन कितने 9 बजे रखना है कि नहीं।

मंगल प्रवेश की दी जानकारी
महाराजश्री ने इस दौरान चातुर्मासिक मंगल प्रवेश आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस मौके पर श्री पाŸव-शांतिनाथ जैन श्वेता-धार्मिक चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष फतेहलाल कोठारी ने आचार्यश्री का अभिनंदन कर स्वागत भाषण दिया। संचालन हेमंत बोथरा ने किया। पारसमल बोराणा की ओर से प्रभावना वितरित की गई। प्रमुख रूप से लालचंद सुराणा, आनंदीलाल नाहर, दीपक कोठारी, धन्नालाल मेहता, शैलेंद्र अठाना, राकेश मोदी आदि उपस्थित थे।

धर्मसभा में यह भी दी समझाइश

– जुबान से इष्ट-मिष्ट व शिष्ट भाषा बोलना चाहिए।
– कड़वी जुबान परिवार में क्लेश व समाज में विवाद का कारण बनती है।
– पुर्वाग्रह का विसर्जन करके अपने दिल व दिमाग को सदा खुला रखो।
– सम्पत्ति का अगली पीढिय़ों के लिए अनावश्यक संग्रह दु:ख का कारण है।
– निस्वार्थ भाव से जरूरतमंद की मदद, जीव दया, परमार्थ में तन-मन, धन लगाए।