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एक नवयुग का निर्माण है शंकर शिवमहापुराण की कथा video

कथा के समापन पर उमड़ा आस्था का सैलाब, सेवा करने वालों को दिया धन्यवाद

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shankar shiv mahapuran katha

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रतलाम. हमारे वैद, पुराणों और शास्त्रों में लिखा है कलयुग अपना काम करेगा लेकिन हम कलयुग को भजन-कीर्तन, धर्म-कर्म से सतयुग बना सकते हैं। भक्ति से सतयुग नहीं भी बना तो शिवयुग तो बन ही जाएगा। एक नवयुग का निर्माण है शंकर शिवमहापुराण की कथा। सारा सुख-दुख शिव भगवान के चरणों में सौंप दो। शिव जो करेगा श्रेष्ठ करेगा। श्रेष्ठ के लिए शिव के बिना कुछ नहीं। वर्तमान में देखते हैं कि थोड़ी सी असफलता में युवा आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। असफलता पर घबराना नहीं है। परिणाम बिगड़े तो बिगड़ जाने दो, शिव ने उससे भी कुछ अच्छा सोचकर रखा होगा।

उक्त विचार अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने हरथली फंटा (कनेरी रोड) पर आयोजित वैशाखी शिवमहापुराण कथा के समापन अवसर पर शुक्रवार को व्यक्त किए। कथा से पूर्व सुबह पंडित श्री मिश्रा ने श्री गढक़ैलाश मंदिर पर पहुंच शिवजी का जलाभिषेक कर पूजन-अर्चन किया। कथा का आयोजन कल्याणी रविंद्र पाटीदार द्वारा भाई अरविंद पाटीदार की स्मृति में कराया गया। कथा सुनने के लिए सुबह से ही पांडाल में श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में एकत्र होने लगे थे। कथा शुरू होने के करीब 2 घंटे पूर्व ही सभी पांडाल श्रद्धालुओं से भर चुके थे।

कष्ट देना सनातन धर्म नहीं

पंडित मिश्रा ने कहा किसी को कष्ट देना सनातन धर्म में नहीं लिखा है। सनातन धर्म हमेशा सर्वे भवंतु सुखिन की राह पर चलता है। सात दिवसीय शिवमहापुराण कथा के बीच में पंडित मिश्रा ने अमृतसागर तालाब की दुर्दशा पर चिंता जताई थी। समापन से पूर्व व्यासपीठ से पंडित मिश्रा ने बताया कि अमृतसागर तालाब की दुर्दशा पर चिंता के बाद अच्छी बात यह है कि तालाब को लेकर काम शुरू हो गया है। प्रशासन और नेताओं को उन्होंने धन्यवाद दिया। कथा के अंत में पंडित मिश्रा ने सात दिनी वैशाखी शिवमहापुराण में सेवा देने वालों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इनकी सेवा अजर-अमर हो गई है। कथा के पूर्व सात दिन से चल रहा महारूद्राभिषेक का भी विधिवत समापन हुआ। पंडित आनंदीलाल शर्मा (हरीओम) के सानिध्य में 21 ब्राह्मणों द्वारा 756 यजमानों को महारूद्राभिषेक संपन्न कराया।

रतलाम वाले भाग्य लेकर जन्मे हैं


व्यासपीठ से पंडित मिश्रा ने कहा कि रतलाम वालों ने भाग्य लेकर जन्म लिया है। जो भी कर्म करते हैं भक्ति, श्रद्धा एवं विश्वास से करते हैं। शिवपुराण कहती है मनुष्य की देह छोटी है। कब आई कब चली गई मालूम नहीं पड़ता। भगवान की भक्ति को जितना कर सकते हो उस परमात्मा को अपने जीवन में उतारो। पंडित मिश्रा ने कहा कि हमें दुनिया की निगाह में अच्छा नहीं बनना है। सामने वाले की नजर जैसी होगी वह वैसे ही देखेगा। तुम कितने ही अच्छे बन जाओ लेकिन सामने वाले की दृष्टि भी अच्छी होना चाहिए।

IMAGE CREDIT: patrika

अंतिम दिन व्यासपीठ से बताया यह उपाय


पंडित मिश्रा ने बताया कि जिसके शरीर के नसे ब्लॉक हो गई हैं। बायपास करने की स्थिति होने पर ऑपरेशन के पूर्व किसी भी माह की शिवरात्रि पर काला तिल और लाल चंदन दोनों को घिसकर उसका उपटन बनाकर बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर लगाना चाहिए। शिवालय में अंतरआत्मा से अपना नाम, गोत्र बोलकर अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक पश्चात शिवलिंग पर लगाए गए काले तिल और लाल चंदन के उपटन को अपने वक्षस्थल पर लगा लें। आठ दिन तक प्रक्रिया निरंतर करने के बाद डॉक्टर से जांच करवाए।