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SIR सर्वे से मतदाता परेशान! बहू से 2003 का बूथ नंबर पूछ रहे BLO, मायके फोन पर मचा हड़कंप

mp news: एमपी में चल रही एसआइआर प्रक्रिया मतदाताओं के लिए सिरदर्द बन गई है। बीएलओ बहुओं से 2003 के मतदान बूथ की जानकारी मांग रहे, जिससे परिवारों में हड़कंप मच गया।

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रतलाम

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Akash Dewani

Nov 07, 2025

MP Congress's exercise on the 2003 trouble in SIR

SIR में सन 2003 की झंझट पर एमपी कांग्रेस की बड़ी कवायद (photo- सोशल मीडिया)

SIR Survey: रतलाम में एसआइआर के चल रही प्रक्रिया के दौरान सबसे अधिक परेशानी मतदाता को परिवार की बहू की ली जा रही जानकारी में आ रही हैं। इसमें 2003 के विधानसभा चुनाव के दौरान कहां पर मतदान किया था, बूथ नंबर क्या था, इसकी जानकारी देना है। अब मतदाता के सामने परेशानी यह है कि बहू की उम्र भले 40 साल हो गई हो, विवाह को 22 वर्ष हो गए हो, लेकिन 2003 में मायके में जिस बूथ नंबर पर मतदान किया था, उसकी जानकारी देना है।

ऐसे में जब बीएलओ घर-घर जा रहे हैं तो हर परिवार की वह जानकारी देने के लिए मायके फोन लगा रही है व बूथ नंबर की जानकारी ले रही है। एसआइआर की जानकारी के लिए बहुओं से कहा जा रहा है कि उनका रिकार्ड मंगवा कर उपलब्ध कराए, ताकि मैपिंग कर सकें। बीएलओ के अनुसार बहू को अपने पीहर से विधान सभा क्षेत्र क्रमांक, बूथ नाम भाग संख्या और सूची सरल क्रमांक की उनके माता-पिता 2003 के समय कहां थे, उसके बाद यहां रिकार्ड जांच की जाएगी। कई बीएलओ को तो एंड्रायल मोबाइल चलाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो परिवार के सदस्यों का सहयोग लेना पड़ रहा है।

बहूओं की हो रही तलाश

बीएलओ प्रेमलता चौहान ने बताया कि मेरे बूथ क्रमांक 200 में 150 के करीब बहू हैं। सूची के अनुसार उनकी तलाश कर रहे हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का सहयोग लिया जा रहा है, उन्हें बहु की सूचना देकर रिकार्ड मंगवाए जा रहे हैं। परेशानी तो आ रही हैं। पीहर से रिकार्ड मंगवाना मुश्किल है, ताकि किसी मतदाता का नाम नहीं कटे।

व्यापारी-मजदूर, कर्मचारी वर्ग में अधिक परेशानी

बीएलओ जितेंद्रसिंह राठौर ने बताया कि नए आए जिनका रिकार्ड नहीं मिल रहा हैं कि वे 2003 में कहां थे। कुछ लोग बता रहे हैं और कुछ लोगों को पता नहीं कि उन्होंने किस मतदान केंद्र पर मतदान किया था। कोई बाहर चले गए यह नहीं मिल रहें। व्यापारी, मजदूर वर्ग ध्यान नहीं रखते, उनके साथ ज्यादा परेशानी है। इसी प्रकार डीआरपी लाइन में पुलिसकर्मियों और रेलवे कॉलोनी में भी स्थानांतरण होता रहता है तो नाम नहीं मिल रहे हैं। इसलिए मैपिंग नहीं पा रही हैं। (mp news)