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ट्रैक पर चूहे मारने के लिए सल्फास

करीब चार लाख रुपए का हुआ टेंडर

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रतलाम। रेल मंडल मुख्यालय पर रेलवे ट्रैक को खोखला कर रहे चूहों की अब शामत आने वाली है। मुख्यालय ने करीब ४ लाख रुपए की लागत से इन चूहों को खत्म करने के लिए निविदा निकाल थी, इसको उज्जैन की एक फर्म ने लिया है।

फर्म ने चूहों को मारने के लिए सल्फास का उपयोग शुरू किया है। ये काम एक पखवाडे़ दिन पूर्व ही शुरू हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि चूहों से वे परेशान हो गए है व ये ट्रैक को खोखला करने के अलावा ट्रेन में चढ़कर यात्रियों के लिए भी परेशानी का कारण बन रहे है।

ये कंपनी कर रही काम

उज्जैन की बालाजी पेस्ट कंट्रोल नाम की कंपनी को २ वर्ष के लिए निविदा दी गई है। करीब ४ लाख रुपए की मूल्य की इस निविदा में फोररेत केमीकल सहित सल्फास का उपयोग चूहों के लिए किया जा रहा है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा की फोररेत नाम के पेस्ट से चूहे चिपक जाएंगे। इसके बाद इनको पकड़ कर बाहर फैक दिया जाएगा। हालाकि चूहे भी इतने शातिर हो गए है कि पिछले दो दिन में कंपनी के जाल में एक भी चूहा नहीं फंसा है। हालाकि दो दिन में करीब २० से अधिक चूहे मारे जरूर गए है।

इंसान को नुकसान नहीं इससे

कंपनी से जुडे़ लोगों का कहना है कि जो सल्फास ट्रैक पर डाला जा रहा है, उससे आम यात्री को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। ये सिर्फ चूहों पर ही असर डालेगा। मंडल मुख्यालय पर चूहों के मारे यात्री परेशान भी है। करीब तीन वर्ष पूर्व मुंबई-दिल्ली राजधानी ट्रेन में चढ़कर ये एक महिला यात्री के पैर पर काट चुके है। इसके अलावा अलग-अलग डिब्बों में इनकी धमाल-चौकड़ी की तो यात्री अनेक बार शिकायत ट्वीटर सहित अन्य तरीके से कर चुके है।

यात्री इसमें सहयोग करे

ट्रैक को साफ रखने की जवाबदेही रेलवे के साथ-साथ यात्रियों की भी है। वे ट्रैक को साफ रखे तो इस प्रकार की निविदा निकालने की जरुरत भी नहीं हो। यात्री अगर किसी को गंदगी फैकते हुए देखे तो जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाए व डस्टबिन के उपयोग की सलाह दे।

- जेके जयंत, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल