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MP Election 2023 : 71 साल के रतलाम के राजनीतिक सफर में यहां कभी नहीं फैली वंशवाद की बेल

- अब तक चुने गए विधायकों के परिवार से कोई आगे नहीं आया

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वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कई जगह वंशवाद की बेल फल-फूल रही है। इसको लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी खूब लगाए जाते हैं। इसके उलट रतलाम शहर व रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में पार्टियों के विधायक रहे नेताओं के वंश से कोई भी राजनीति में आगे नहीं आया। एक-दो अपवाद में कोई आगे आया लेकिन बाद में सफलता नहीं मिली।

बीते 71 साल के रतलाम के राजनीतिक सफर में शहर ने 15 विधायक के साथ कई वरिष्ठ नेता, श्रमिक नेता दिए। 15 विधायकों के परिवार से अभी तक कोई राजनीति में रुचि नहीं दिखा पाया है। रतलाम शहर की राजनीति के तीन स्तंभ बंशीलाल गांधी, खुर्शीद अनवर व शिवकुमार झालानी रहे, लेकिन इन तीनों नेताओं के वंश से किसी ने भी राजनीति में रुचि नहीं दिखाई। बंशीलाल गांधी के पुत्र आलोक गांधी राजनीति न करते हुए विदेश चले गए। खुर्शीद अनवर के परिवार से कोई आगे नहीं आया। शिवकुमार झालानी के पुत्र उद्योग व कारोबार को देख रहे हैं।

श्रमिक नेताओं के यही हाल

यहीं हाल शहर के श्रमिक राजनीति का रहा। शहर की श्रमिक राजनीति आजादी के बाद कम्युनिष्ट नेता कामरेड ब्रदी का दबदबा रहा। इसके बाद श्रमिक राजनीति सज्जन मिल व जिले के औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों के पास रही। यहां पर यह राजनीति कांग्रेस नेता रहे मोहनलाल सोलंकी व शांतिलाल सोलंकी व कम्युनिष्ट नेता कामरेड खुमानसिंह के के इर्द-गिर्द रही। लेकिन वर्तमान में इन तीनों श्रमिक नेताओं के परिवार से भी कोई राजनीति में सक्रिय नहीं है।

भाजपा में भी यही हाल

यहीं हाल भाजपा का है। 25 साल तक शहर विधायक व विभिन्न विभागों के मंत्री रहे हिम्मत कोठारी के परिवार से भी कोई उनका पार्ट अदा नहीं कर पा रहा है।

रतलाम ग्रामीण में 11 बार चुनाव हुए

रतलाम ग्रामीण विधानसभा सीट 1952 के बाद वर्ष 1977 में अस्तित्व में आई। तब से अब तक यहां पर 11 बार चुनाव हुए। इसमें आठ विधायक रहे। पहले विधायक देवीसिंह (1952) में रहे। इसके बाद यह क्षेत्र 1977 में अस्तित्व में आया तब से अब तक सूरजमल जैन (1977), शांतिलाल अग्रवाल(1980 से 1990 तक), मोतीलाल दवे(1990 से 2003 तक), धुलजी चौधरी(2003), लक्ष्मीदेवी खराड़ी (2008), मथुरालाल डामर(2013), दिलीप मकवाना (2018) । हालांकि मोतीलाल दवे की पुत्रवधु प्रेमलता दवे को गत विधानसभा चुनाव में रतलाम शहर से कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन जीत नहीं पाई।

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