
Tiger hunt: Search for T23 extended to more areas
सचिन त्रिवेदी
उज्जैन. मालवांचल के बड़े संभाग उज्जैन के वन इलाकों में लंबे समय के बाद बाघों की ठोस मौजदूगी के साक्ष्य मिले हैं। कभी मालवांचल के जंगल इनका बड़ा बसेरा हुआ करते थे, लेकिन बीते 8 से 10 वर्षो के दौरान संख्या तेजी से कम हो गई। हालांकि वन विभाग इसे बाघ के लोकेशन बदलाव से जोड़कर देखता है। वन क्षेत्रों में हालिया पशु गणना के आंकड़ों की पुष्टि का आखिरी चरण चल रहा है।
कई तरह के नए संसाधनों के साथ हुई गणना में देवास-खंडवा-हरदा वन कॉरिडोर क्षेत्र में करीब एक दर्जन बाघ होने के साक्ष्य सामने आए हैं। इनमें बागली वन क्षेत्र में ही करीब 5 बाघ के पगमार्क, जंगलों में पेड़ों पर खरोंच, अपशिष्ट आदि मिले है। इसी तरह उदयपुर वन क्षेत्र के आसपास भी करीब 3 बाध के विचरण को पशु गणना टीम ने ट्रैप किया है। बड़वाह-चोरल के बीच भी कुछ बाघ के होने का अनुमान है। इस तरह करीब एक दर्जन बाघ मालवांचल में फिर लौटे है।
चीता की उम्मीद
संभाग के एक अन्य वन अभयारण्य गांधीसागर क्षेत्र में भी पशु गणना के बाद सुखद आंकड़े सामने आ रहे हैं। यहां चीते का नया बसेरा बनाने सबसे पहले उनकी खास खुराक चीतल छोड़े गए हैं। हाल ही गणना और विश्लेषण के दौरान पता चला है कि अभयारण्य दायरे में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है, नए वॉच पाइंटों पर भी इनको ट्रैप किया गया है। तेंदुओं की संख्या करीब 50 से ज्यादा हो गई है। आने वाले समय में छोड़े गए चीतल की संख्या बढऩे के बाद यहां अन्य वन क्षेत्र से चीता लाकर उनकी बसाहट तैयार होगी।
सुखद तस्वीर पाने नेटवर्क
देवास-हरदा-खंडवा कॉरिडोर में बाघ की संख्या में बढ़ोतरी की पुष्टि होने के बाद अब उनकी अहम तस्वीर का इंतजार है। वन विभाग करीब 225 कैमरों का उपयोग कर बाघों की लोकेशन ट्रैस कर रहा है। नर्मदा तटीय इलाकों में खास निगरानी की जा रही है। उधर, गांधीसागर-भानपुरा वन क्षेत्र में भी तेंदुओं की संख्या बढऩे पर निगरनी तेज हो गई है।
बाघों की सुरक्षा के किए इंतजाम
देवास एवं इससे लगे खंडवा-हरदा वन क्षेत्र में बाघों की संख्या बढऩे के प्रमाण मिले है, हालांकि ये लोकेशन बदलते रहते है, लेकिन बागली एवं उदयपुर वन क्षेत्र में ये 6 से 8 की संख्या में हो सकते है, बीते वर्षो की अपेक्षा यह संख्या बढ़ रही है, इसी अनुसार सुरक्षा इंतजाम भी बढ़ाए जा रहे हैं।
- पीएन मिश्रा, वन मंडलाधिकारी देवास
वन क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे तेंदुए
गांधीसागर एवं भानपुर वन एरिया में तेंदुए की संख्या बेहतर हुई है, वन्य प्राणियों की गणना के दौरान बाघ होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन आगामी समय में गांधीसागर अभयारण्य में बाहरी क्षेत्र से चीता लाकर बसाने की योजना पर काम हो रहा है, चीतल छोड़कर पहले उनके अनुकूल वातावरण बना रहे है।
- आदर्श श्रीवास्तव, वन मंडलाधिकारी मंदसौर
Updated on:
06 Jan 2022 07:52 pm
Published on:
06 Jan 2022 07:48 pm
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