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चित्तौडग़ढ़ से इंदौर तक चलेगी 110 की स्पीड पर ट्रेन

चित्तौडग़ढ़ से इंदौर तक चलेगी 110 की स्पीड पर ट्रेन

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रतलाम. रेलवे में चित्तौडग़ढ़ से लेकर इंदौर तक रेलवे ट्रैक बनने के 4 वर्ष बाद बिजली के इंजन से ट्रेन चलने की उम्मीद जागी है। ये उम्मीद पश्चिम रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) सुशील चंद्रा के देा माह में किए गए तीन अलग-अलग निरीक्षण के बाद जागी है। सबकुछ ठीक रहा तो रेलवे रेलवे अगले तीन माह में इंदौर से रतलाम व अक्टूबर के बाद इंदौर से चित्तौडग़ढ़ तक बिजली के इंजन से ट्रेन की शुरुआत कर देगा।

बता दे की मंडल में अलग-अलग सेक्शन में बिजली की लाइन डालने का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके लिए चित्तौडग़ढ़ से चंदेरिया, चंदेरिया से नीमच, नीमच से जावरा व जावरा से रतलाम होते हुए लक्ष्मीबाई नगर के रास्ते इंदौर तक बिजलीकरण कार्य हो रहा है। इसमे इंदौर से लक्ष्मीबाईनगर तक ये कार्य हो गया है। रतलाम से फतेहाबाद तक बिजलीकरण कार्य हो गया है। जून में २० तारीख तक फतेहाबाद से लक्ष्मीबाई नगर तक इस कार्य को कराने की जवाबदेही पूरी होना है। ये कार्य होने के बाद संरक्षा आयुक्त चंद्रा आएंगे। उनके निरीक्षण होने के बाद इंदौर से रतलाम तक बिजली के इंजन से फजेहाबाद से बडऩगर के रास्ते ट्रेन चलने लगेगी।

अक्टूबर तक का लक्ष्य
रेलवे ने सिंतबर तक का समय चित्तौडग़ढ़ से जावरा तक बिजलीकरण करने का लक्ष्य रखा है। ये कार्य होने के बाद अक्टूबर माह से बिजली के इंजन से ट्रेन चलेगी। इससे लाभ ये होगा की अभी जो रतलाम से चित्तौडग़ढ़ जाने में पांच घंटे का समय लगता है, वो घटकर तीन से चार घंटे का हो जाएगा। इतना ही नहीं, इंदौर से रतलाम का सफर भी डेढ़ से दो घंटे में पूरा हो जाएगा।

इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य तेजी से

चित्तौडग़ढ़ से लक्ष्मीबाईनगर तक इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य तेजी से चल रहा है। हमारा प्रयास है ये समय के पूर्व पूरा हो, जिससे यात्रियों को तेज गति की ट्रेन का लाभ मिले।

- आरएन सुनकर, मंडल रेलप्रबंधक