
रतलाम. श्रीमद्भागवत गीता के बारे में तो सभी को पता है। 18 अध्याय वाली गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने रणक्षेत्र में अर्जुन को जन्म व मृत्यु से परे जाकर संसार के सच के बारे में बताया था। कुरुक्षेत्र के अलावा भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए मुद्रा का इकलौता मंदिर मध्यप्रदेश के रतलाम में है।
आमतौर पर भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर देशभर में राधा के साथ बांसुरी बजाते हुए है। इनके अलावा अगर कोई मंदिर है तो कान्हा का मटकी में से माखन चोरी करते हुए लेकिन गीता का ज्ञान देते हुए मंदिर देशभर में मात्र दो स्थान पर है। पहला मंदिर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में है जहां अर्जुन को भगवान ने गीता का ज्ञान दिया था व दूसरा मंदिर रतलाम में है।
रतलाम में मंदिर बनने की गाथा भी दिलचस्प है। मंदिर से जुड़े भक्तों के अनुसार करीब 71 वर्ष पूर्व शहर के एक कोयला ठेकेदार धुलजी प्रजापत ने बनवाया था। मंदिर के पुजारी चेतन जोशी के अनुसार कि धुलजी भगवान के परम भक्त थे व हर जन्माष्टमी को कुरुक्षेत्र जाते थे।
एक बार ट्रेन में जाने के लिए टिकट नहीं मिल पाया तो उन्होंने यहीं पूरा मंदिर ही बनवा दिया। अब मंदिर का ७१वां वर्ष चल रहा है। सुबह से लेकर रात तक जन्माष्टमी पर कई आयोजन होंगे। इस जन्माष्टमी पर दुर्लभ योग बन रहे हैं जिसके कारण इस वर्ष जन्माष्टमी बहुत उत्तम मानी जा रही है.
Published on:
30 Aug 2021 08:44 am
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