रतलाम। रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और अब गेहूं आदि फसलों में किसानों को यूरिया की आवश्यकता पडऩे लगी है। कलेक्टर ने व्यवस्था को सुधारने के लिए डबल लॉक दुकानों पर अतिरिक्त पांच-पांच डीलरों को नियुक्त कर दिया, लेकिन हाल यह थे कि उनके पास यूरिया का स्टॉक ही नहीं था, इस कारण से दिन भर वे केंद्र पर केवल समय काटते रहे।
ताकि किसान परेशान न हो
इस सप्ताह के लिए 5 हजार मेट्रिक टन यूरिया की मांग की गई थी, जिसमें से शनिवार को 2660 मेट्रिक टन यूरिया की रेंक लगी है। बिरियाखेड़़ी खाद वितरण केंद्र पर उर्वरक की उपलब्धता न ही भाव की सूचि नोटिस बोर्ड पर अंकित की गई थी, जिससे भी किसान परेशान होते रहे। जिले के किसानों को सुगमतापूर्वक उर्वरक उपलब्ध हो, इसलिए कलेक्टर ने जिले के सभी डबल लॉक पांच केंद्रों पर संबंधित स्थानों के उर्वरक विक्रेता अपना उर्वरक विक्रय करने के निर्देश दिए, लेकिन शनिवार को बिरियाखेड़ी खाद वितरण केंद्र पर मशीन लेकर पहुंंचे कलमोड़ा, धानासुता मार्ग रतलाम, मिड टाउन रतलाम, त्रिपोलिया गेट, मांगरोल, बांगरोद, धराड़, करमदी रोड डीलरों के पास यूरिया व अन्य खाद का स्टॉक उपलब्ध नहीं था। इस दौरान कई किसान चक्कर लगाकर लौट गए।
क्या कहते स्टॉक खत्म हो गया
कर्मचारियों कहना था कि हमें यहां से किसानों को मशीन पर थंब लगाकर संबंधित खाद गोडाउन पर पहुंचाना है जहां पर खाद उपलब्ध है या फिर हम उनके साथ जाए, या फिर यहां किसानों का इंतजार करें। आज दिन भर हमारे पास यूरिया नहीं था, हम बैठे रहे। डीएपी वाले एक दो किसान थे जो लेने के लिए गोदाम पर गए नहीं। बिरियाखेड़ी केंद्र के राजेश गुप्ता ने बताया कि दिन भर में 13 किसान बिरियाखेड़ी पहुंचे, जिसमें से 10 यूरिया ४८ बैग यूरिया दे दिया, इसके बाद स्टॉक खत्म हो गया। दो किसान डीएपी ले गए। जिले में बिरियाखेड़़ी, दिलीपनगर, आलोट, ताल और जावरा में डबल लॉक दुकानोंं पर व्यवस्था बदली है। 8 डीलर यहां दिन भर बैठे रहे, लेकिन उनके पास यूरिया खाद का स्टॉक उपलब्ध नहीं था।
डबल लॉक केंद्रों यह रहेगी व्यवस्था
कलेक्टर आदेशानुसार ब्लॉक केंद्रों पर उर्वरक विक्रेता रोस्टर अनुसार उर्वरक विक्रय करेंगे। डबल केंद्र पर विक्रेता मात्र विक्रय प्रक्रिया संपादित करेंगे, उनके भंडारण गृह पर पहुंचकर किसान उर्वरक उठाएगा। डबल लॉक केंद्रों पर अधिकारियों, कर्मचारियों की भी तैनाती की गई है। उर्वरक विक्रेता अपनी-अपनी पीओएस मशीन लेकर संबंधित ब्लॉक केंद्र पर उपस्थित रहेंगे। किसानों को उर्वरक वितरण के लिए मशीन में अंगूठा लगवाकर स्लिप निकालकर अपने-अपने गोडाउन से उर्वरक वितरण करवाएंगे। उर्वरकों के साथ किसी भी प्रकार की टेगिंग नहीं की जा सकेगी। उर्वरक विक्रेताओं के पास भौतिक रूप से उपलब्ध स्टॉक का प्रदर्शन प्रत्येक दिवस करना होगा।