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VIDEO बेटा पढऩे नहीं गया तो नाराज मां ने भेजा जंगल में, बाद में मिला शव

नामली के करीब नेगड़दा निवासी एक किशोर जब स्कूल नहीं गया तो नाराज होकर मां ने बेटे को जंगल में बकरी चराने भेज दिया। मां को नहीं पता था कि जिस लाल को वह बकरी चराने भेज रही है, वो अब वापस कभी नहीं आएगा। बाद में बेटा मिला भी तो शव बनकर। यहां पढे़ं पूरी खबर क्या है यह मामला।

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VIDEO बेटा पढऩे नहीं गया तो नाराज मां ने भेजा जंगल में, बाद में मिला शव

VIDEO बेटा पढऩे नहीं गया तो नाराज मां ने भेजा जंगल में, बाद में मिला शव

रतलाम (नामली)। नामली के करीब नेगड़दा निवासी एक किशोर जब स्कूल नहीं गया तो नाराज होकर मां ने बेटे को जंगल में बकरी चराने भेज दिया। मां को नहीं पता था कि जिस लाल को वह बकरी चराने भेज रही है, वो अब वापस कभी नहीं आएगा। बाद में बेटा मिला भी तो शव बनकर। यहां पढे़ं पूरी खबर क्या है यह मामला। देखें खबर से जुड़ा VIDEO...

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नामली थाना क्षेत्र के ग्राम नेगड़दा तालाब में शनिवार को डूबे 15 वर्षीय बालक का शव रात भर चले रेस्क्यू के बाद रविवार सुबह करीब 9 बजे तालाब के किनारे जिस जगह कपड़े पड़े थे ठीक उसी के सामने गहरे गड्ढे के दलदल में फंसा हुआ मिला। शव को रतलाम से आई गोताखोरों की स्पेशल टीम ने 17 घंटे तक ख्ले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद खोज निकाला। शव को दल दल से बहार निकालते ही मौके पर मौजूद पुलिस, राजस्व विभाग व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली वही मृतक बालक समरथ पिता राजाराम बागरी के परिजन फुट फुट कर रोने लग गए। परिजन को ग्रामीण सात्वना देते देखें गए। शव को पीएम के लिये रतलाम जिला चिकित्सालय भेजा गया। बाद में अंतिम यात्रा निकली जिसमे बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।

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स्कूल नहीं गया

नामली के समीप ग्राम नेगड़दा निवासी समरथ पिता राजाराम बागरी कक्षा 9 वी का छात्र है व सेमलिया शासकीय स्कूल में पढ़ता है। जब वह स्कूल नहीं गया तो इससे नाराज होकर मां पेपा बाई ने उसे दोपहर 12 से 1 के बीच बकरी चराने जंगल भेज दिया था। शाम करीब 3 से 4 बजे के बीच उसकी बकरिया किसानों के खेतों में चली गई। जिस पर किसान उन बकरियों को भगाते हुवे तालाब की तरह पहुंचे। वहां पर कृषकों को बकरियां चराने वाला तो कोई नहीं दिखा पर तालाब किनारे एक जोड़ी कपड़े और जूते नजर आए। इसके बाद ग्रामीण किसान मोहनलाल ने जब तलाश की गई तो पता चला की ये बकरियां राजाराम बागरी की हंै।

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पिता को बुलाया शिनाख्ती के लिए

बाद में राजाराम अपनी पत्नी के साथ तालाब किनारे आए। अपने बेटे के कपडे़ आदि को देखकर रोने लगे। इस पर पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी महेश दुबे दल बल के साथ मौके पर पहुंचे व ग्रामीणों की सहायता से तालाब में किशोर की तलाशी का अभियान चलाया। जब सफलता नहीं मिली तो रतलाम से कुशल तेराक बुलाए गए। रात ८ बजे तक पता नहीं चलने पर तलाशी अभियान को बंद कर दिया गया। इससे ग्रामीण नाराज हो गए। इसके बाद ग्रामीण एसडीएम प्रवीण कुमार फुलपगारे अन्य अधिकारियों के साथ आए व तलाशी अभियान की शुरुआत की। इसके लिए मोटर लगाकर तालाब के पानी को बाहर खाली करवाया गया। रातभर अभियन चलने के बाद सुबह करीब 9 बजे किशोर का शव मिला।

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