रेलवे स्टेशन पर सुबह मुंबई से दो सदस्यीय विजिलेंस निरीक्षक का दल आया है। दल के सदस्यों ने ट्रेन व प्लेटफॉर्म पर सफाई करने वाले ठेकेदार के कार्यालय में छापेमारी कर दी है। करीब चार घंटे तक कर्मचारी, ठेकेदार के सुपरवाइजर से पूछताछ की गई। इसके बाद दल दस्तावेज लेकर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय रवाना हो गया। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दल को काफी शिकायत कर्मचारियों ने की है।
प्लेटफॉर्म नंबर चार पर आए मुंबई मुख्यालय से रेलवे के विजिलेंस विभाग के एए सिद्धिकी व सौरभ दत्ता प्लेटफॉर्म नंबर चार पर आए है। यहां से दोनों सबसे पहले सीटीएस कार्यालय याने की ट्रेन व प्लेटफॉर्म पर होने वाली सफाई के कार्यालय में गए। यहां पर अपना परिचय दिया तो ठेकेदार के सुपरवाइजरों के होश उड़ गए है। इसके बाद जो कर्मचारी बगैर संसाधन के काम कर रहे थे, उनको जूते आदि दिए गए। इस बीच एक – एक करके दस्तावेज की जांच विजिलेंस अधिकारियों ने करना शुरू कर दी है।
साहब चाय तो लो ठेकेदार के कर्मचारियों ने विजिलेंस अधिकारियों के द्वारा जांच करने के दौरान चाय मंगवाई व मुंबई से आए हुए अधिकारी दत्ता व सिद्धिकी को देना चाही। जब दोनों ने इससे इंकार कर दिया तो सुपरवाइजर ने कहा कि साहब छापेमारी तो चलती रहेगी। चाय तो ले लो, इसके बाद एक सदस्य ने चाय ले ली।
पूछताछ कर्मचारियों से की इस बीच विजिलेंस दल के एक सदस्य दत्ता दस्तावेज की जांच करते रहे तो दूसरे सदस्य सिद्धिकी ठेकेदार के कार्यालय से बाहर आकर कर्मचारियों से जानकारी लेते रहे। इस बीच कर्मचारियों से उनके काम के समय, मिलने वाले वेतन, आदि की जानकारी ली गई। इतना ही नहीं, एक सुपरवाइजर ने कहा कि वेतन पूरा दिया जाता है तो उसको डांटकर चुप करवा दिया गया।
सामने आई कई गड़बड़ी विजिलेंस विभाग के सदस्यों की छापेमारी में बताया जा रहा है कि कई प्रकार की गड़बड़ी सामने आई है। अब तक जो बिल व्यय के जमा किए गए, उसके मुकाबले कितना वेतन सहित अन्य व्यय कंपनी ने किया है, उसकी पड़ताल विजिलेंस दल के सदस्यों ने डीआरएम कार्यालय जाकर की है। दल के एक सदस्य ने नाम नहीं प्रकाशन के आग्रह के साथ बताया कि पूरे दस्तावेज लिए गए है, इनकी पड़ताल हो रही है। इसके बाद रिपोर्ट मुख्यालय दी जाएगी, वहां से कार्रवाई की जाएगी।