ट्रेन के आते ही डिब्बे से भागते-दौड़ते यात्री, राशन की तरह पानी की लाइन, एक-दूसरे को धक्का वो भी इसलिए की उनको पानी पहले मिल जाए
water crisis video in indian railway
रतलाम। ट्रेन के आते ही डिब्बे से भागते-दौड़ते यात्री, राशन की तरह पानी की लाइन, एक-दूसरे को धक्का वो भी इसलिए की उनको पानी पहले मिल जाए। ये नजारा था, बुधवार दोपहर 2 बजे को गुवाहाटी ओखा ट्रेन के आने पर जनरल यात्रियों के डिब्बे के बाहर का। तय समय से चार घंटे ये train देरी से आई थी। ट्रेन में पैंट्रीकार की सुविधा है, लेकिन इसका लाभ जनरल डिब्बे के यात्री नहीं उठा सकते। कोटा से TRAIN चलकर चार घंटे बाद सीधे रतलाम ही रुकी। यात्री सबसे पहले पानी के लिए भागमभाग करने लगे। प्लेटफॉर्म पर बने प्याऊ में पानी ही नहीं था, फिर खरीदने की मजबूरी सामने थी।
रेलवे स्टेशन पर मांग की तुलना में कम पानी मिल रहा है। नगर निगम ने शहर में मांग बढऩे के साथ ही रेलवे को पानी देना बंद कर दिया। रेलवे का कुलेड डेमू सुखने के बाद अब पानी का परिवहन प्रतिदिन ट्रेन के माध्यम से किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर कुल ६ प्लेटफॉर्म है। इनमे प्रतिदिन आने वाली 100 से अधिक यात्री ट्रेन के लिए 20 लाख लीटर पानी की जरुरत है। रेलवे प्रतिदिन 7 लाख 50 हजार लीटर पानी का परिवहन ही कर पा रहा है। स्टेशन पर बने हुए विभिन्न प्याऊ में कुल 214 टोटिंयां लगी हुई है। ये भी आधी टे्रन के आने के दौरान बंद हो जाती है। स्टेशन पर वॉटर वेडिंग मशीन भी है, लेकिन विभिन्न प्लेटफॉर्म पर ये बंद है। अधिकतर प्याऊ बंद होने पर उनको निजी स्टॉल से पानी खरीदने की मजबूरी रहती है।
प्लेटफॉर्म-कुल टोंटी-बंद टोंटी 1-30-06 2-38-12 4-56-22 5 व 6- 64-28 7-26-08 बंद वॉटर वेडिंग मशीन प्लेटफॉर्म 7-2 बंद प्लेटफॉर्म 6-1 बंद प्लेटफॉर्म 4-1 बंद प्लेटफॉर्म 2-1 बंद गर्म पानी आ रहा प्लेटफॉर्म नंबर चार पर एक जो प्याऊ चल रहा है, उसमे गर्म पानी आ रहा है। पानी खरीदकर लेना पड़ा। – वरुण कुमार, रावटी जाने वाले यात्री
बेहतर सुविधा दे रहे हम यात्रियों को बेहतर व्यवस्था दे रहे हंै। अगर इसके बाद भी कोई कमी है, तो उसको दूर किया जाएगा। यात्री अपने सुझाव से हमको अवगत करवा सकते हैं। – आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक