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Breaking News ट्रेन में महिला यात्री को छेड़ा तो बजेगा सायरन, रेलवे का महिलाओं की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा कदम, यहां पढें पूरी खबर

Breaking News ट्रेन में महिला यात्री को छेड़ा तो बजेगा सायरन, रेलवे का महिलाओं की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा कदम, यहां पढें पूरी खबर

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Railway

woman safety in railway news

रतलाम। वह दिन दूर होने वाले है जब ट्रेन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, मारपीट या कोई अपराध होता था। भारतीय रेलवे ने एक महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए अब तक सबसे बड़ा कदम उठा लिया है। रेलवे ने जो निर्णय लिया है, उसके बाद अब महिलाओं के साथ ट्रेन में अपराध करना आसान न होगा। असल में रेलवे एेसी व्यवस्था करने जा रहा है, जिसमे महिला यात्री को एक बटन डिब्बे में हर सीट के पास दिया जाएगा, जिसको दबाने के बाद ट्रेन में सायरन बज उठेगा। कैसे होगा ये सब, जानने के लिए यहां पूरी खबर पढे़ं।

ट्रेनों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ सहित अन्य प्रकार के अपराध रोकने के लिए रेलवे हर डिब्बे में पैनिक बटन लगाने जा रहा है। ये बटन लगी हुई यात्री ट्रेनें शीघ्र ही मंडल से निकलेगी। इसका लाभ मंडल में यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को भी होगा। इसकी शुरुआत पुर्वोत्तर रेलवे में हो गई है।रेलवे के इस निर्णय से रतलाम रेल मंडल में सबसे बड़ा लाभ होगा। क्योकि यहां पर सुबह अधिकतर महिलाएं व युवतियां डेमू व मेमू स्तर की ट्रेन में कामकाज के लिए जाती है व उनको भारी भीड़ के बीच सफर करने की मजबूरी रहती है। एेसे में उनके साथ कई प्रकार के अपराध होने का अंदेशा रहता है।

महिला व बच्चों की सुरक्षा वर्ष

बता दे की रेलवे वर्ष 2018 को महिला व बच्चों की सुरक्षा वर्ष के रुप में मना रहा है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार महिला यात्रियों को विशेषकर अकेले सफर करने वाली महिला यात्रियों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके चलते ये निर्णय लिया गया है कि इस प्रकार के बटन को जंजीर के करीब लगाए जाया जाए, जिससे महिला यात्री की सुरक्षा और बेहतर हो सके।

गार्ड के डिब्बे में होगा कंट्रोल रुम

ट्रेन के हर डिब्बे में लगा हुआ पैनिक बटन का नियंत्रण या सूचना की मशीन को गार्ड के डिब्बे में लगाया जाएगा। बटन दबाते ही गार्ड को ये पता चल जाएगा कि किस डिब्बे में महिया यात्री को परेशानी है। इसके बाद वॉकी-टॉकी से ट्रेन में पदस्थ स्काटिंग के जवानों तक सूचना पहुंचाई जाएगी। ये जवान संबंधित डिब्बे में महिला यात्री से संपर्क साधकर समस्या का समाधान करेंगे। ये सब प्रक्रिया 5 से 10 मिनट में पूरी हो जाएगी।रेलवे के इस निर्णय से रतलाम रेल मंडल में सबसे बड़ा लाभ होगा। क्योकि यहां पर सुबह अधिकतर महिलाएं व युवतियां डेमू व मेमू स्तर की ट्रेन में कामकाज के लिए जाती है व उनको भारी भीड़ के बीच सफर करने की मजबूरी रहती है। एेसे में उनके साथ कई प्रकार के अपराध होने का अंदेशा रहता है।

प्रयोग के रूप में शुरुआत

सूचना के अनुसार इसको प्रयोग के रुप में अन्य मंडल में शुरू किया गया है। प्रयोग सफल होने पर इसको मंडल में भी लागू किया जाएगा। इससे महिला यात्रियों की सुरक्षा अधिक बेहतर तरीके से होगी।

- जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल