7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Divorce Alimony: तलाक के बाद पुरुष कैसे पा सकते हैं एलिमनी? Legal Expert ने बताई ‘पति धारा’ की बातें

Divorce Alimony Rules In India: चहल ने धनश्री वर्मा को 4.7 करोड़ एलिमनी देने वाले हैं। इसके साथ ही जानेंगे कि क्या भारत में पुरुषों को तलाक के बाद एलिमनी मिलती है? इसको लेकर क्या है कानून?

3 min read
Google source verification

भारत

image

Ravi Gupta

Mar 21, 2025

Divorce Alimony Rules In India For Men Dhanashree Verma alimony

Divorce Alimony Rule: तलाक के बाद पुरुषों को एलिमनी दिलाने वाला कानून क्या है?

Divorce Alimony In India: युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक हो चुका है। धनश्री वर्मा को करीब 4.7 करोड़ रुपए की एलिमनी (Dhanashree Verma alimony) चहल देंगे। इसके साथ ही एक बार फिर तलाक में एलिमनी को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि, एलिमनी देने का ना ये पहला मामला है और ना ही अंतिम। लेकिन, एक सवाल ये उठता है कि क्यों सिर्फ पुरुष ही एलिमनी देते हैं, क्या पुरुषों को एलिमनी नहीं मिल सकता? इस बात को समझने के लिए हमने लीगल एक्सपर्ट, एडवोकेट, मेंस राइट्स एक्टिविस्ट से बातचीत की है। यहां पर हम जानेंगे कि तलाक के बाद क्या पुरुष भी पा सकते हैं एलिमनी (Divorce Alimony Rules In India)?

तलाक एलिमनी को लीगल के जानकारों से समझें | Divorce Alimony Rules In India

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की वकील ज्योति गोयल, मेंस राइट्स एक्टिविस्ट और लीगल एक्सपर्ट शॉनी कपूर व मयंक बर्मी ने इस बात को बेहतर तरीके से समझाया है। ज्योति गोयल पेशे से वकील हैं और करीब 9 साल से महिला अधिकारों के लिए काम कर रही हैं। वहीं शॉनी कपूर व मयंक बर्मी पुरुषों के अधिकारों की लीगल फाइट करीब 17 साल से कर रहे हैं।

एलिमनी क्या होती है? (Divorce Alimony Kya Hai)

एलिमनी को तय करने का भारतीय कानून में कोई सटीक फॉर्मूला नहीं है। न्यायालय तलाक के मामलों के आधार पर गुजारा-भत्ते की रकम तय करती है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ये साफ किया था कि एलिमनी सिर्फ एक पार्टनर को दंडित करने के लिए नहीं होती, बल्कि इसका उद्देश्य आश्रित साथी की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है। उसी फैसले में कोर्ट ने मुख्‍य रूप से आठ फैक्टर्स तय किए थे।

एलिमनी आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट होते हैं। जैसे कि युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा ने किया। ये एकबार ही देना होता है जबकि, गुजारा-भत्ता को लेकर कोर्ट फैसला देता है जो कि पार्टनर के इनकम के आधार पर तय होता है।

पुरुष को एलिमनी दिलाने वाला पति धारा 24 व 25 क्या है?

हाईकोर्ट की वकील ज्योति गोयल बताती हैं कि हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 (पति धारा 24 व 25) के तहत तलाक के बाद पुरुष एलिमनी पा सकते हैं। मेंस राइट्स एक्टिविस्ट और लीगल एक्सपर्ट शॉनी कपूर कहते हैं कि हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 (पति धारा 24 व 25) ये अधिकार देता है। लेकिन, पुरुषों को एलिमनी या गुजारा भत्ता बहुत मिलने के चांसेज कम हैं। आप देखें अब तक कितनी महिलाओं को एलिमनी मिली है और कितने परुषों को मिली है।

एलिमनी लेने वाले पुरुषों की संख्या कम क्यों?

एलिमनी लेने वाले पुरुषों की कम संख्या पर शॉनी कपूर कहते हैं कि हम जिस धारा की बात कर रहे हैं उसके मापदंड देखिए। ये वैसे पुरुषों के लिए जो किसी तरह की दिव्यांगता (विकलांगता) के कारण आर्थिक रूप से महिला पार्टनर पर निर्भर थे तो ही गुजारा भत्ता के लिए मांग कर सकते हैं। जबकि, महिलाओं के लिए करीब 8 पैमाने हैं जिसके आधार पर वो मांग कर सकती हैं और उनको एलिमनी या गुजारा भत्ता मिलता भी है।

Celeb Divorce: एलिमनी को लेकर एक्सपर्ट की राय

मेंस राइट्स एक्टिविस्ट मयंक बर्मी और शॉनी कपूर का मानना है कि आम महिला जो पूरी तरह से पति पर निर्भर थी उसे एलिमनी या गुजारा भत्ता मिलना चाहिए। लेकिन धनश्री या उसकी तरह आर्थिक रूप से आजाद महिला को एलिमनी लेने की क्या जरूरत है। यहां तो आवश्यकता नहीं है फिर पुरुष पर दबाव बनाकर एलिमनी ली जाती है। ये देखा जाए तो गलत ही है। सच कहें तो पुरुषों के लिए कानून कब से है लेकिन पुरुषों को ना कानून समझ पाया और ना ही समाज।

ये भी पढ़िए- Sunita Williams की लव लाइफ है फिल्मी, ऐसे हुई थी पहली मुलाकात, जानिए कौन हैं सुनीता विलियम्स के Husband

महिलाओं को तलाक के बाद एलिमनी की दावेदार क्यों?

हमने अधिकतर तलाक के केसों में देखा है कि पुरुष ही महिला को एलिमनी देता है। ऐसा क्यों है, इस पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की वकील ज्योति गोयल कहती हैं कि मोटे तौर पर कहा जाए तो सेलेब्स के एकाध मामले छोड़ दें तो आम औरत शादी के बाद करियर दाव पर लगाती हैं, परिवार, पति, बच्चों के लिए त्याग सिर्फ वो करती हैं। जबकि, पुरुषों को शादी के कुछ नहीं त्यागना होता है। शादी का खर्च भी बेटी पक्ष पर अधिक होता है, दहेज भी बेटी पक्ष को देना पड़ता है। ये सब समाज को नहीं दिखता लेकिन पुरुषों का एलिमनी देना समाज को दिख जाता है। इसलिए अधिकतर तलाक के मामलों में महिला को एलिमनी या गुजारा भत्ता देना पड़ता है।