
Diwali 31 October Or 1 November 2024: दिवाली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर 2024
Diwali 31 October Or 1 November: पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को मनाया जाता है।
इस वर्ष संवत 2081 के अनुसार अमावस्या 31 अक्टूबर 2024 को दिन में 3:53 बजे से प्रारंभ होकर 1 नवंबर 2024 को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी। दीपावली के पूजन में धर्मशास्त्रीय मान्यतानुसार प्रदोष काल एवं महानिशिथ काल मुख्य है। इसलिए 31 अक्टूबर को दिवाली पर लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त …
कार्तिक अमावस्या प्रारंभः 31 अक्टूबर को दोपहर 3:53 बजे से
कार्तिक अमावस्या तिथि समापनः 1 नवंबर की सायं 6:17 तक
प्रदोष काल ( लग्न ): सायं 05:35 - रात 08:11 तक
वृष काल ( लग्न ): सायं 06:25 - रात 08:20 तक
मिथुन काल ( लग्न ): रात्रि 9:00 से रात्रि 11:23 तक
निशिथ काल: रात्रि 11:39 से मध्यरात्रि 12:41 तक
सिंह काल ( लग्न ): मध्यरात्रि 01:36 - अन्तरात्रि 03:35 तक
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प्रदोष काल, वृषभ लग्न और चौघड़िया के हिसाब से लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 31 अक्टूबर की शाम को 06:25 से लेकर सायं 7:13 के बीच का समय का है। कुल मिलाकर 48 मिनट का यह मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
प्रदोष काल, वृषभ लग्न और चौघड़िया सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: शाम 06:25 से सायं 07:13 तक
(कुल मिलाकर 48 मिनट)
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या 01 नवंबर 2024 को प्रदोषकाल में अमावस्या होने से इसी दिन दीपावली मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिर लग्न और स्थिर नवांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है। इस वर्ष लक्ष्मीपूजन का समय इस प्रकार रहेगा। अमावस्या इस दिन सायं 06:17 तक रहेगी।
दिवाकाल का श्रेष्ठ चौघड़िया
चर लाभ अमृत का चौघड़िया : प्रातः 6:40 से प्रातः 10:47 तक
अभिजीत : प्रातः 11:46 से दोपहर 12:34 तक
शुभ का चौघड़िया : दोपहर 12:10 से दोपहर 01:33 तक
चर का चौघड़िया : सायं 04:17 से सायं 05:40 तक
लाभ का चौघड़िया :- रात्रि 08:57 से रात्रि 10:34 तक
शुभ-अमृत-चर का चौघड़िया :- मध्यरात्रि 12:10 से अंतरात्रि 05:02 तक
प्रदोष काल ( लग्न ) - सायं 05:40 - रात्रि 08:16 तक
इसके अतिरिक्त सायं 06:41 से सायं 06:53 (इसमें प्रदोष काल, स्थिर वृष लग्र एवं कुम्भ का नवमांश रहेेगा) तक रहेगा।
वृष काल ( लग्न ) – सायं 06:31 - रात्रि 08:28 तक
सिंह काल ( लग्न ) - मध्यरात्रि 01:01 - अन्तरात्रि 03:17 तक
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Updated on:
31 Oct 2024 04:40 pm
Published on:
30 Oct 2024 08:24 pm
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