
hindu calendar for all years
हिंदू धर्म में कई देवी देवताओं का पूजन किया जाता है। ऐसे में जहां अधिकांश देवताओं के प्रमुख पर्व साल में एक ही बार आते हैं। वहीं कई Vrat Festival पर्व-व्रत ऐसे भी हैं जो हर माह आते हैं।
पंडित एस के पांडे के अनुसार दरअसल Hindu Panchang हिन्दू पंचांग में कुछ व्रत-पर्व प्रतिमाह होते हैं, लेकिन यहां ये ध्यान देने वाली बात है कि हर माह में उन व्रत-पर्वों की कथा और महत्व बदल जाता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे ही Vrat and parv पर्वों-व्रतों के बारे में बता रहे हैं। जो हर माह तो आते ही हैं, साथ ही इनमें से अधिकांश एक माह 2 बार तक आते हैं।
1. Ekadashi एकादशी : माह में 2 Ekadashi एकादशी होती हैं अर्थात वर्ष में 24 और अधिकमास के समय 26 एकादशियां होती हैं। प्रत्येक एकादशी के नाम अलग अलग होते हैं।
2. Pradosh प्रदोष : माह में 2 त्रयोदशी अर्थात प्रदोष के व्रत होते हैं इस प्रकार वर्ष में 24 और अधिकमास के समय 26 प्रदोष व्रत होते हैं। प्रत्येक प्रदोष के नाम सप्ताह के दिवस के अनुसार अलग अलग होते हैं।
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3. Chatutrthi चतुर्थी : माह में 2 चतुर्थियां होती हैं अर्थात वर्ष में 24 और अधिकमास के समय 26 चतुर्थियां होती हैं। इनमें से शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी जबकि कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
4. Amavasya अमावस्या और Purnima पूर्णिमा : माह में 1 अमावस्या और 1 पूर्णिमा के व्रत होते हैं अर्थात एक वर्ष में इनकी कुल संख्या 24 और अधिकमास होने पर 26 होती हैं। प्रत्येक अमावस्या और पूर्णिमा का नाम अलग अलग होता है।
5. Sankranti संक्रांति : प्रति माह सूर्य एक राशि से निकलकर दूरी राशि में जाता है ऐसे में इस मान से वर्ष में 12 संक्रांतियां होती है। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण होता है तो वहीं कर्क संक्रांति पर यह दक्षिणायन हो जाता है।
6. दूज, पंचमी, छठ, सप्तमी, अष्टमी और नवमी : इस तिथि के व्रत भी महत्वपूर्ण होते हैं। इनकी सबकी संख्या भी शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष के हिसाब से हर माह 2 होती है। इस तरह ये साल में 24 और अधिकमास में 26 होती हैं।
वहीं इन पर्वों-व्रतों के अलावा कुछ दिन ऐसे भी हैं, जिनकी गणना न तो व्रतों में होती है और न ही पर्वों में होती है। लेकिन ये हर माह आते जरूर हैं और विशेष भी होते हैं।
दरअसल हर माह में पांच नक्षत्रों (घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद तथा रेवती ) के मेल से निर्मित होने वाले योग को Panchak पंचक कहा जाता है। वहीं इस दौरान हर तरह के मांगलिक कार्यों को अशुभ माना गया है। ऐसे में ये पंचक भी हर माह पड़ते हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन राहु काल भी होता है।
Published on:
04 Jul 2021 11:47 pm
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