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Hanuman Mantra: “ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय…” हनुमान जी को प्रसन्न करने के मंत्र

Hanuman Mantra: शास्त्रों में वर्णन है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से हनुमान जी का जप करता है, उसके जीवन से नकारात्मकता हटकर सफलता और शांति आती है।हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र बताए गए हैं।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 01, 2025

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Mantra to please Lord Hanuman|फोटो सोर्स – Freepik

Hanuman Mantra: हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है। उनका स्मरण करने मात्र से भय दूर हो जाता है और मन में आत्मविश्वास भर जाता है। वे शक्ति, साहस और अटूट भक्ति के प्रतीक हैं। शास्त्रों में वर्णन है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से हनुमान जी का जप करता है, उसके जीवन से नकारात्मकता हटकर सफलता और शांति आती है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र बताए गए हैं, जिनका उच्चारण व्यक्ति को आंतरिक बल और जीवन में विजय दिलाता है।

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकट पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटि समप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

यह मंत्र हनुमान जी के विराट रूप, उनकी शक्ति, पराक्रम और रामभक्ति की स्तुति करता है।यह भय, शत्रु बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है।

जप विधि

  • प्रातः स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर आसन पर बैठें।
  • हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाकर इस मंत्र का 11, 21 या 108 बार जप करें।
  • इस मंत्र का जाप मंगलवार या शनिवार को विशेष रूप से फलदायक माना जाता है।

ॐ हनुमते नमः।

यह एक बीज मंत्र है, जो हनुमान जी की कृपा शीघ्र प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।यह साधक को मानसिक बल, आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है।

जप विधि

  • इस मंत्र का जाप किसी भी संकट में किया जा सकता है।
  • जब आप मानसिक तनाव, डर या निर्णय न ले पाने की स्थिति में हों, तब इसका 108 बार जप करें।
  • इसे एकाग्रचित होकर करने से मन में स्थिरता आती है।

ॐ अं हनुमते रामदूताय नमः।

यह मंत्र हनुमान जी को श्रीराम के दूत के रूप में स्मरण करता है।यह साधक को लक्ष्य के प्रति समर्पण और कार्यसिद्धि में सहायता प्रदान करता है।

जप विधि

  • विशेष रूप से कार्यसिद्धि, परीक्षा में सफलता या कोर्ट केस में विजय के लिए इसका जप करें।
  • प्रतिदिन प्रातः 21 बार या शनिवार को 108 बार जप करें।
  • इस मंत्र के साथ श्रीराम का स्मरण करना और भी अधिक फलदायक होता है।

ॐ श्री वज्रदेहाय रामभक्ताय वायुपुत्राय नमः।

यह मंत्र हनुमान जी के बल, भक्ति और वायुपुत्र स्वरूप को नमन करता है।यह नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने और शरीर को बलवान बनाने में सहायक होता है।

जप विधि

  • रोग निवारण, नजर दोष और भय से मुक्ति के लिए इसका प्रयोग करें।
  • हनुमान चालीसा के पाठ से पहले या बाद में इस मंत्र का 11 बार जप करें।
  • शुद्ध आसन पर बैठकर, घी का दीपक जलाकर जाप करें।

ॐ पवनपुत्राय विद्महे महाबलाय धीमहि। तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्॥ (हनुमान गायत्री मंत्र)

यह हनुमान जी का गायत्री मंत्र है, जो साधक को आध्यात्मिक बल, बुद्धि और विवेक प्रदान करता है।यह विद्यार्थियों और साधकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

जप विधि

  • इस मंत्र का जप ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में करने से विशेष लाभ होता है।
  • 9, 21 या 108 बार जाप करें।
  • मन में हनुमान जी का ध्यान करते हुए “जय श्रीराम” बोलना भी शुभ माना जाता है।

मंत्र जाप करते समय रखें इन बातों का ध्यान

  • जाप के समय श्रद्धा, भक्ति और एकाग्रता अनिवार्य है।
  • लाल वस्त्र पहनकर जप करना शुभ माना जाता है।
  • प्रतिदिन थोड़ा समय निकालकर इन मंत्रों में से किसी एक का नियमित जप करें।
  • मंत्रों का उच्चारण स्पष्ट, सही और मन से करें, तभी मिलेगा पूर्ण फल।