
02 जून 2020 : ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी मनाई जा रही है। पुराणों में निर्जला एकादशी के व्रत का खास महत्व बताया गया है। साथ ही जानकारी दी गई है कि अगर आप 24 एकादशी का व्रत नहीं कर पाते हैं तो आप निर्जला एकादशी का व्रत करके सभी एकादशियों के व्रत का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
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05 जून 2020: वटसावित्री व्रत देश के कुछ हिस्सों में अमावस्या के दिन किया जाता है जबकि देश के कुछ हिस्सों में इसे पूर्णिमा के दिन किया जाता है। इस दिन वट यानी बरगद की पूजा की जाती है। इस दिन सभी सुहागन महिलाएं पूरे 16 श्रृंगार कर बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। साथ ही इस दिन कबीर जयंति भी मनाई जाएगी।
17 जून 2020: आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में पड़नेवाली एकादशी को योगिनी अथवा शयनी एकादशी के नाम से जाना गया है। इस व्रत को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति प्रदान कर सुख देने वाला माना गया है। यह इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति देने वाली है। यह तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। भगवान कृष्ण ने स्वयं कहा है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने पर 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है।

19 जून 2020: प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि के समान फलदायी कहा गया है। हर महीने में इसके आने से इसे मास शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। यह भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन उपवास रखकर सब प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत से भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
21 जून 2020: इस दिन को साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत में भी दृश्य होगा। इस ग्रहण के दौरान सूर्य की आकृति कंकण के समान नजर आएगी इसलिए इसे कंकण सूर्यग्रहण भी कहा जा रहा है। इस दिन ग्रहण का दान पुण्य भी किया जाएगा। मिथुन राशि पर ग्रहण का विशेष प्रभाव रहेगा।
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22जून 2020: नवरात्रि महाशक्ति की आराधना का पर्व है। साल के दो नवरात्र चैत्र और शारदीय अधिक चर्चित और प्रचलित हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा साल में दो और नवरात्रे होते हैं जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है जो माघ और आषाढ़ में मनाया जाता है। इनमें देवी दुर्गा की दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। यह साधना आमतौर पर तंत्र विद्या में रुचि रखनेवाले साधक और तांत्रिक करते हैं।
