
how can you deal with lock down Negativity
देशभर में इन दिनों कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है, वहीं सूत्रों की मानें तो ये लॉकडाउन स्थिति अभी और आगे भी बढ़ सकती है। लॉकडाउन के चलते घरों से बाहर नहीं निकल पाने के कारण कई लोग मन में आ रहे नकारात्मक विचारों के चलते परेशानी का समाना कर रहे हैं।
जानकारों की मानें तो इसका एक कारण ये भी है कि घरों में हर दिन कोरोना वायरस से जुड़ी खबरें टीवी-सोशल मीडिया पर लगातार देख व सुनकर उनके मन में नकारात्मक विचार बैठने लगे हैं। जिसके कारण कई लोगों को तो मनोरोग विशेषज्ञों का सहारा तक लेना पड़ रहा है।
इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि ऐसे में धर्म-अध्यात्म से जुड़े उपाय हमें नकारात्मकता से दूर कर हमारे मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। इन उपायों में से कोई भी 1 या 2 उपाय अपनाकर व्यक्ति अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है।
1. सूर्य नमस्कार करें
सूर्य ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। ऐसे में सूर्य से न केवल प्रकृति बल्कि मनुष्य सहित समस्त प्राणियों के शरीर में प्राण ऊर्जा का संचार होता है। सूर्य से मिलने वाली असीम ऊर्जा को यदि थोड़ा भी आपने ग्रहण कर लिया तो आपके मन से न केवल नकारात्मकता दूर होगी, बल्कि आप निरोगी भी रहेंगे।
अत: प्रतिदिन सूर्योदय के समय उठ जाएं। स्नान करके सूर्य को जल का अर्घ्य दें और सूर्य नमस्कार की कम से कम 12 आवृत्तियां करें। प्रत्येक आवृत्ति में 12 अवस्थाएं होती हैं। सूर्य नमस्कार की ये 12 अवस्थाएं अधिकांश लोग तो जानते हैं, जो नहीं जानते हैं वे इंटरनेट पर देख सकते हैं। इन 12 अवस्थाओं के 12 मंत्र होते हैं, जिनका उच्चारण करते हुए आप सूर्य नमस्कार करेंगे तो शारीरिक स्वस्थता के साथ आप अपने भीतर एक अद्भुत ऊर्जा का संचार होते महसूस करेंगे।
ॐ का जाप
ओम को ब्रह्मांड की प्रथम ध्वनि माना जाता है। ओम के उच्चारण का महत्व आज हर कोई मानता है। यदि आप जहां तक हो सके सुबह नहीं तो दिन में किसी भी समय केवल 10 से 12 मिनट ओम का उच्चारण करते हैं।
तो इससे आपके मन की नकारात्मकता दूर होगी और आपके आसपास एक सुरक्षा घेरा तैयार होगा, जिससे आपको रोगों से लड़ने की क्षमता और शक्ति प्राप्त होगी। ओम का जाप आप परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर करेंगे तो इसके उच्चारण से होने वाला कंपन अधिक लाभदायक होगा।
ओम जाप यदि परिवार के एक से ज्यादा सदस्य एक साथ करते हैं तो एक निश्चित दूरी पर आसन बिछाकर बैठ जाएं। आलथी-पालथी बनाकर आंखें बंद करें, कमर सीधी रखें, हाथों की चिन मुद्रा बनाकर दोनों घुटनों पर रखें और जाप शुरू करें। लगातार दिए गए समय के अनुसार एक स्वर में एक साथ जाप करें।
ध्यान का सहारा लें
ध्यान करना वैसे तो ज्यादा आसान प्रक्रिया नहीं है। अपने मन को किसी एक जगह केंद्रित करके ध्यान लगाना आसान नहीं है। लेकिन आप कुछ सरल सी प्रक्रिया अपनाकर कुछ देर ध्यान की अवस्था में बैठ सकते हैं।
इसके लिए आप घर के किसी साफ-स्वच्छ हवादार, एकांत स्थान को चुनें। वहां जमीन पर आसन लगाकर किसी भी सुखासन में बैठ जाएं। आंखें बंद करें और अपने मन को दोनों भौहों के बीच में लाकर स्थिर करने का प्रयास करें। इस दौरान बाहरी विचारों को मन में ना आने दें।
यदि ऐसा करने में परेशानी आ रही है और मन बार बार किसी भी आवाज से भटक जा रहा है तो अपने फोन में ईयर प्लग लगाकर ॐ का उच्चारण सुनें या कोई और मंत्र जो आपको पसंद हो उसे ध्यान से सुनें। कुछ ही देर में आपका मन ॐ के उच्चारण या उस मंत्र से जुड़ जाएगा और आप ध्यान की अवस्था में पहुंच जाएंगे।
हवन, यज्ञ या धूनी
हिंदू धर्म में औषधीय सामग्रीयुक्त धूनी देने का बड़ा महत्व है। यज्ञ, हवन आदि में विभिन्न् प्रकार की सुंगधित औषधियों, जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। हवन और यज्ञ के धुएं में रोगाणुओं को नष्ट करके वातावरण को शुद्ध करने की क्षमता होती है।
यदि नियमित रूप से घर में धूनी दी जाए तो घर का वातारवरण शुद्ध होता है और हमारे मन में अच्छे विचारों का संचार होता है। इन दिनों यदि आपके घर में हवन सामग्री उपलब्ध ना हो तो भी इसके लिए आप कर्पूर जलाकर उसमें अक्षत और घी की आहूति दे सकते हैं।
यह आहूति 11 या 21 बार किसी भी देवी-देवता का नाम लेकर दी जा सकती है। जैसे ऊं नम: शिवाय, ऊं गं गणपतये नम:, ऊं नमो नारायणाय, ऊं दुं दुर्गायै नम: आदि।
पौधों की सेवा करें
हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को अत्यंत पूजनीय माना गया है। कई व्रत त्योहारों पर पेड़ पौधों की पूजा की जाती है। लॉकडाउन के कारण इन दिनों आपके मन में नकारात्मक विचार आ रहे हैं तो कुछ समय पौधों की सेवा में बिताएं।
तुलसी का पौधा तो प्रत्येक घर में होता ही है। आप नियमित रूप से तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें और शाम के समय दीपक लगाएं। इससे आपका मन अच्छा होगा। तुलसी के पौधे की सेवा से अनेक प्रकार के ग्रह दोष भी दूर होते हैं और भगवान श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
Published on:
25 Apr 2020 05:54 am
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