
one day shri ganesh puja - Most Powerful Sadhana of Ganesh just for One day
प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश को सनातन धर्म के आदि पंच देवों में से एक प्रमुख देव माना गया है। यह मुख्य रूप से बुद्धि प्रदान करने वाले हैं। इसके अलावा इन्हें ही विघ्नों को हरने वाला देव भी माना जाता है। ऐसे में जीवन में तरक्की प्राप्त करने व अन्य समस्त जीवन से जुड़े कार्यों को पूर्ण करने में श्री गणेश की खास भूमिका मानी जाती है। इसी के चलते हर कोई भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करना चाहता है।
ऐसे में यहां ये जरूर जान लें कि हिन्दू धर्म में हर देव का सप्ताह में एक निश्चित दिन माना गया है, पंडित एके शुक्ला के अनुसार ऐसे में श्री गणेश जी का सप्ताह में दिन बुधवार माना जाता है। वहीं इन्हें हरा रंग पसंद है। ज्योतिष में जहां श्री गणेश बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हुए इस ग्रह के कारक देव हैं, वहीं भगवान श्री गणेश मुख्य रूप से आपकी वाणी और आपकी बुद्धि को प्रभावित करते हैं।
ऐसे में आज हम आपको गणेशजी को प्रसन्न करने की एक ऐसी ही पूजा बता रहे है, जो एक दिवसीय होने के साथ ही आपके समस्त कार्यों को पूर्ण करने में आपकी मदद करती है।
दरअसल इस एक दिवसीय साधना को आप मुख्य रूप से गणेश चतुर्थी के दिन या अति आवश्यक हो तो बुधवार को भी कर सकते हैं। पंडित शुक्ला के अनुसार श्री गणेश की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए यहां बताया जा रहा श्री गणेश का मंत्र बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। इसके अतिरिक्त यह भी मान्यता है कि इस साधना को करने के बाद आपको श्री गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जिससे आपकी प्रत्येक साधना में सफलता की उम्मीद बहुत बढ़ जाएगी।
तांत्रोक्त मन्त्र :- ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम : सिद्धिं मे देहि बुद्धिं प्रकाशय ग्लूं ग्लीं ग्लां फट् स्वाहा।
पूजन सामग्री :- आसन-सफेद, माला-रुद्राक्ष,माला संख्या-11/21/31/51,दीपक-घी,वस्त्र-सफेद।
पूजा के नियम :- इस पूजा के तहत पिछले चार दिन से लगातार ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें। पूजा दौरान आपकी दिशा पूर्व की होनी चाहिए। यह एक दिवसीय पूजा है। इस दौरान श्री गणेश का ध्यान आपको अवश्य लगाना है। इसके साथ ही इस दौरान आपको दशांश हवन अवश्य करना है। इस हवन में आपको देशी घी का ही प्रयोग करना है।
पूजन विधि :-
यह साधना एक दिन की है। इसके तहत सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठने के पश्चात स्नानादि नित्य कर्म के पश्चात आप सबसे पहले अपने सामने बाजोट पर सफेद कपड़ा बिछाने के पश्चात इस पर गणपति जी की मूर्ति या चित्र स्थापित कर लें, जिसके बाद भगवान श्री गणेश को जनेऊ व दूर्वा अर्पित करें और सामने घी का दीपक जला लें।
अब आप सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करते हुए, उन्हें मन में धारण करें। फिर गुरुपूजन करके गुरुमंत्र की 1 या 3 माला करके। इसके पश्चात देवी मां गौरी और भगवान शंकर की पूजा ध्यान करें।
फिर गणेश जी का पंचोपचार पूजन करें और उन्हें लड्डू का भोग लगाएं। इसके बाद संकल्प लेते हुए प्रत्येक साधना में सफलता का वर मांगें।
जिसके पश्चात गणेश मंत्र ( ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम : सिद्धिं मे देहि बुद्धिं प्रकाशय ग्लूं ग्लीं ग्लां फट् स्वाहा। ) की 11, 21, 31 या 51 माला अपने सामर्थ्य अनुसार करें। जाप समाप्त होने पर आसन पर ही कुछ देर बैठे रहे ऒर भगवान श्री गणेश का ध्यान करें।
Published on:
18 Jan 2022 08:52 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म और अध्यात्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
