कैसे हुआ सबसे बड़े ग्रह का फैसला, राजा विक्रमादित्य को कैसे मिली शनि पीड़ा से मुक्ति
भोपालPublished: Jun 02, 2023 10:17:55 pm
शनिवार (Shanivar ko shani dev ki puja ) कर्मफलदाता शनिदेव की पूजा का दिन होता है। इसदिन शनि देव की पूजा-अर्चना और दान-पुण्य से कष्ट कम होते हैं। आइये जानते हैं शनि देव की वह कथा, जिसमें राजा विक्रमादित्य ने किया सबसे बड़े ग्रह का फैसला।


शनिवार को शनि देव की पूजा
किंवदंती है कि एक बार सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, इन सात ग्रहों और राहु-केतु दो छाया ग्रहों की आपस में विवाद छिड़ गया कि हममें से कौन सबसे प्रभावशाली ग्रह है? जब आपम में कोई निर्णय नहीं हो पाया तो इंद्र की सलाह पर राजा विक्रमादित्य से निष्पक्ष निर्णय की मांग की गई।