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Sharad Purnima 2025 Date : अक्टूबर में इस दिन होती है अमृत वर्षा, नोट करें तारीख, चंद्रमा की पूजा से मिलते हैं लाभ

Sharad Purnima 2025 Date : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से पूर्ण होता है और अपनी किरणों से धरती पर अमृत बरसाता है। जानें शरद पूर्णिमा का महत्व, पूजा विधि और अमृत खीर खाने के फायदे।

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भारत

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Dimple Yadav

Sep 26, 2025

Sharad Purnima 2025 Date

Sharad Purnima 2025 Date (photo- gemini ai)

Sharad Purnima 2025 Date : हिंदू पंचांग में आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से पूर्ण होता है और अपनी किरणों से धरती पर अमृत बरसाता है। यही वजह है कि इस रात को अमृत वर्षा की रात भी कहा जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी-नारायण और चंद्रदेव की पूजा करने से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बड़े-से-बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं।

शरद पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय

इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाया जाएगा।

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 6 अक्टूबर 2025, सुबह 11:02 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 7 अक्टूबर 2025, दोपहर 1:37 बजे

इस बार शरद पूर्णिमा पर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार, यह अद्भुत योग इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देता है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा और दान का फल कई गुना अधिक प्राप्त होता है।

शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की ठंडी और दिव्य किरणों से अमृत बरसता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में खास ऊर्जा होती है जो शरीर और मन दोनों को शुद्ध करती है। इसी वजह से इस रात खीर बनाने और उसे चांदनी में रखने की परंपरा है। आधी रात के बाद इस खीर को प्रसाद के रूप में खाने से माना जाता है कि इसमें अमृत का रस घुल जाता है। यह खीर स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती है और इसे खाने से रोगों का नाश होता है।

शरद पूर्णिमा से जुड़ी मान्यताएं

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महानंद रास किया था, इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जागरण करने वालों को आशीर्वाद देती हैं। चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक शांति, संतोष और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

शरद पूर्णिमा पर पूजन विधि और उपाय

इस दिन व्रत रखकर लक्ष्मी-नारायण और चंद्रदेव की विधिवत पूजा करें। रात को घर की छत या आंगन में खीर बनाकर रखें और अगले दिन इसे परिवार और पड़ोसियों के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन दान करें।पवित्र नदियों या सरोवर में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। चंद्रमा को दूध या जल से अर्घ्य दें और स्वास्थ्य व समृद्धि की कामना करें।

शरद पूर्णिमा के लाभ

चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर खाने से शारीरिक कष्ट समाप्त होते हैं। इस दिन का व्रत करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। आध्यात्मिक दृष्टि से यह दिन ध्यान और साधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मन को शांत करने के लिए भी यह रात खास मानी जाती है।