
श्राद्ध पक्ष में तर्पण के साथ पंचबलि का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, कौवे, चींटी और देवों के लिए विशेष स्थान पर भोजन रखा जाता है। ब्राह्मण भोजन कराने के साथ पांच जगहों पर इनके लिए भोजन (अग्रासन) निकालने का यह कार्य ही पंचबलि कर्म कहलाता है। आइये जानते हैं सभी बलि के बारे में..
इसके तहत घर के पश्चिम दिशा में देशी गाय को महुआ या पलाश के पत्ते पर भोजन दिया जाता है। इस दौरान गौभ्यो नमः कहकर प्रणाम किया जाता है।
इसके अनुसार पत्ते पर कुत्ते के लिए भोजन निकाला जाता है और उसे भोजन कराया जाता है।
कौए को घरों की छत पर या भूमि पर ही भोजन रखकर खाने के लिए बुलाया जाता है, ताकि वे अग्रासन स्वीकार करें।
इसके तहत पत्ते या थाली पर देवताओं के लिए भोजन निकाला जाता है। बाद में इसे घर से बाहर कर दिया जाता है, ताकि इसे पक्षी, चींटी आदि खा सकें। मान्यता है कि यह आहार देवताओं को प्राप्त होता है।
चींटी कीड़े मकोड़ों की बिल के सामने भी खाद्य सामग्री को चूरा कर रखा जाता है ताकि वे खा सकें। इसे पिपिलिकादि बलि कहते हैं.
Updated on:
23 Jun 2024 04:07 pm
Published on:
07 Oct 2023 10:31 pm
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