7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Swami Dayanand Saraswati Ashram: योग और वेदांत का दिव्य केंद्र है स्वामी दयानंद आश्रम, एक बार जरूर घूमें

swami dayanand saraswati ashram rishikesh दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां पारंपरिक वैदिक शैली में वेदांत, संस्कृत और योग की शिक्षा दी जाती है। आश्रम रिमोट क्षेत्रों में शिक्षण संबंधी कार्यों के लिए जाना जाता है, इसके लिए संयुक्त राष्ट्र ने 2005 में आश्रम के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती को सम्मानित किया था। इस आश्रम का नजारा भी मनोरम और अविस्मरणीय है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Pravin Pandey

Jan 31, 2023

Swami Dayanand Ashram

Swami Dayanand Ashram: स्वामी दयानंद सरस्वती आश्रा ऋषिकेश

Swami Dayanand Saraswati Ashram: स्वामी दयानंद सरस्वती (swami dayanand saraswati) का जन्म 1930 में तमिलनाडु के थिरुवरूर जिले के मंजाकुट्टी गांव में हुआ था। इन्हें स्वामी दयानंद गिरी के नाम से भी जाना जाता है।

वे शंकर परंपरा के योग, वेदांत और योग के शिक्षक के रूप में दुनिया भर में प्रसिद्ध थे। उन्होंने पांच दशक तक देश और दुनिया में योग और वेदांत की शिक्षा दी। इन दिनों ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे जहां आश्रम है, वहां स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1964 में रहना शुरू किया था। बाद में उन्होंने इसी जगह पर 1969 में आश्रम की स्थापना की।


स्वामी दयानंद सरस्वती आश्रम (swami dayanand saraswati ashram rishikesh) देहरादून एयर पोर्ट से 21 किलोमीटर दूर है। यह प्राचीन शिक्षण पद्धति यानी ऋषि परंपरा से पढ़ाई और अंग्रेजी में वेदांत, योग और संस्कृत शिक्षा का बड़ा केंद्र है। इसे अर्श विद्या पीठम के नाम से जाना जाता है। इन्होंने ऋषिकेश दयानंद सरस्वती आश्रम, कोयंबटूर में अर्श विद्धा गुरुकुलम के अलावा नागपुर और अमेरिका में भी केंद्र की स्थापना की थी।

स्वामी दयानंद सरस्वती ने साल 2000 में ऑल इंडिया मूवमेंट फॉर सेवा संस्था की स्थापना की थी। उन्हें 2005 में संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल की ओर से पुरस्कार भी मिला था। इसके अलावा भी वे कई सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े थे।

ये भी पढ़ेंः Shani Dev: शनि देव को नहीं पसंद ये काम, अनजाने में आप तो नहीं कर रहे गलती

पीएम नरेंद्र मोदी के गुरु थे स्वामी दयानंदः स्वामी दयानंद सरस्वती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु थे। कहा जाता है कि अपने मृत्यु के समय उन्होंने इच्छा जताई थी कि वो अपनी आखिरी सांस शिष्यों के सामने लेना चाहते हैं, इसलिए उन्हें अस्पताल से आश्रम ले जाया गया था। बाद में ये सितंबर 2015 में ब्रह्मलीन हो गए। इनका आश्रम ऋषिकेश उत्तराखंड में है। अभी दयानंद आश्रम के अध्यक्ष साक्षातकृता नंद महाराज हैं।

आश्रम में गंगाधरेश्वर मंदिर(swami dayanand saraswati ashram): आश्रम में शिव मंदिर भी है, जिसका नाम गंगाधरेश्वर मंदिर है। यहां सुबह शाम वैदिक शैली में पूजा की जाती है। यहीं गंगाजी के सामने लेक्चर हाल के पास स्वामीजी की समाधि है। यहां भी स्वामीजी की पूजा है।

इसलिए सुर्खियों में है आश्रम (Swami Dayanand Saraswati Ashram)

Swami Dayanand Saraswati Ashram: पिछले साल क्रिकेटर विराट कोहली, अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और बेटी के साथ स्वामी दयानंद सरस्वती आश्रम ऋषिकेश धार्मिक अनुष्ठान के लिए पहुंचे हैं। यहां उन्होंने गुरु की समाधि पर पुष्प अर्पित किया और ध्यान लगाया। आश्रम के अध्यक्ष साक्षातकृता नंद महाराज का आशीर्वाद लिया। शिव मंदिर में पूजा की। यहां भंडारा भी कराएंगे।

ये भी पढ़ेंः विद्यार्थी सूर्योदय से पहले करें यह काम, साथ देने लगेंगे ग्रह, ज्योतिषियों से जानें कई और फायदे

यहां पूजा का समय इस तरह है


सुबह की पूजा (Subah Ki Puja)

पूजा अभिषेकम और अलंकारम सुबह 5 बजे से 6 बजे तक
आरती और प्रसादम सुबह 6 बजे से 6.30 बजे तक
गंगा पूजा सुबह 6.30 बजे

शाम की पूजा (अक्टूबर से मार्च)


गंगा पूजा शाम 5.30 बजे
आरती और प्रसादम शाम 6.00 से 7.15 बजे तक
गर्मी (अप्रैल से सितंबर)
गंगा पूजा शाम 6.00 बजे
आरती और प्रसादम शाम 6.30 से 7.30 बजे तक