शनि साढ़े साती के होते हैं तीन चरण: शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। पहला चरण उदय चरण कहलाता है, दूसरा चरण शिखर चरण कहलाता है तो तीसरा चरण अस्त चरण कहलाता है। हर चरण की अवधि ढाई साल की होती है। इन तीनों चरणों में सबसे ज्यादा कष्टदायी शिखर चरण माना जाता है। क्योंकि इस दौरान शनि साढ़े साती अपनी चरण सीमा पर होती है।
इस राशि वालों पर शुरू होगा शनि साढ़े साती का सबसे कष्टदायी चरण: 29 अप्रैल से कुंभ राशि वालों पर शनि साढ़े साती का सबसे कष्टदायी चरण शुरू होने जा रहा है। कुंभ राशि के जिन जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होगी उन्हें इस दौरान तमाम कष्टों का सामना करना पड़ेगा। आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। धन हानि के भी योग बन रहे हैं। कार्यस्थल पर आपकी इमेज कोई खराब करने की कोशिश कर सकता है। इसलिए सतर्क रहें। किसी भी तरह के कानूनी पचड़े में पड़ने से बचें।