28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आखिर ब्राह्मण खाने में क्यों नहीं खाते प्याज और लहसुन, पीछे छिपी है चौंका देने वाली वजह

आयुर्वेद में खाद्य पदार्थो को तीन श्रेणियों में बांटा गया है सात्विक, राजसिक, तामसिक।

3 min read
Google source verification

image

Arijita Sen

Feb 26, 2018

Onion, Garlic

नई दिल्ली। प्राचीनकाल से ही कुछ चीज़ों को करने पर शास्त्रों में मनाही है। धर्म और जाति के अनुसार ये नियम भी प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग है। बात यदि हिंदू धर्म के बारे में किया जाएं तो हम ये ही जानते हैं कि ब्राह्मणों में प्याज और लहसून खाने की मनाही है।

हम अकसर ये भी कहते हैं कि प्याज और लहसन तो पेड़ में उगते हैं तो फिर ब्राह्मणों को इसके सेवन पर मनाही क्यों है? कुछ ब्राह्मणों का इस सवाल के जवाब में ये कहना होता है कि चूंकि ये रिवाज कई पीढ़ीयों से उनके परिवार में चलता आ रहा है और इसी वजह से वो भी इसका पालन करते हैं।

वहीं कुछ ब्राह्मणों का ये भी कहना होता है कि ऐसा करना उनके शान के खिलाफ है और इसी के चलते वो ऐसा करने से कतराते हैं। हालांकि शास्त्रों में इस बात का वर्णन बेहद ही अच्छे ढग़ से किया गया है।

समुद्र मंथन के बारे में तो हम सभी ने सुना है। समुद्र मंथन के दौरान जब समुद्र से अमृत का कलश निक ाला गया था, तो भगवान विष्णु सभी देवताओं को अमरत्व प्रदान करने के लिए अमृत बांट रहे थे,उसी दौरान राहु और केतु नामक दो राक्षस भी उनके बीच आकर बैठ गये थे, ऐसे में गलती से भगवान ने उन्हें भी अमृत पिला दिया था लेकिन जैसे ही देवताओं को इस बात का पता चला तो विष्णुजी ने अपने सुदर्शन चक्र से राक्षसों के सिर से उनके धड़ को अलग कर दिया। हालांकि जब तक उनका सिर धड़ से अलग हुआ तब तक अमृत की कुछ बुंदें उनके मुंह के अंदर चली गई थी, ऐसे में उनका सिर अमर हो गया।

विष्णुजी द्वारा जब उन पर प्रहार किया गया तो खून की कुछ बुंदे नीचे गिर गई थी और उन्हीं से प्याज और लहसुन की उत्पत्ति हुई और यहीं वजह है कि इन्हें खाने से इंसान के मुंह से गंध आती है। हालांकि इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी है जैसे कि आयुर्वेद में खाद्य पदार्थो को तीन श्रेणियों में बांटा गया है सात्विक, राजसिक, तामसिक। बता दें कि प्याज ओर लहसुन को राजसिक और तामसिक में बांटा गया है।

ये तामसिक चीजें मनुष्य में कुछ केमिकल सिक्रिएशन्स को बढ़ावा देते हैं जिससे उत्तेजना बढ़ाने वाले हार्मोन्स शरीर में ज्य़ादा प्रवाह होते है। अब यदि इसी बात को आध्यात्म से जोड़े तो उत्तेजना से आध्यात्म के मार्ग पर चलने में समस्या उत्पन्न होती है, जिससे एकाग्रता बाधित होती है और संयम क्षमता का नाश होता है। इसी कारण सनातन धर्म में प्याज,लहसून जैसी तामसिक चीज़ों के सेवन पर मनाही है। ये पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है और इसी विज्ञान को आध्यात्म से जोड़ा गया है।