
भड़ली नवमी 2022: भड़ली नवमी पर बन रहा है 3 खास योगों का संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी या भडल्या नवमी कहा जाता है। इस साल 2022 में 8 जुलाई, शुक्रवार को भड़ली नवमी मनाई जाएगी। इस तिथि को भगवान विष्णु की खास पूजा-अर्चना का विधान है। वहीं भड़ली नवमी को शादी ब्याह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों के लिए बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसके दो दिन बाद ही देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और चातुर्मास लगने से अगले 4 महीनों के दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम करना शुभ नहीं माना जाता। तो आइए जानते हैं भड़ली नवमी तिथि का शुभ मुहूर्त और इसका क्या है महत्व...
भड़ली नवमी या भडल्या तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 7 जुलाई, गुरुवार को शाम 7:28 बजे से होकर इसका समापन 8 जुलाई, शुक्रवार को शाम 6:25 बजे होगा। वहीं उदया तिथि 8 जुलाई को होने के कारण भड़ली नवमी 8 जुलाई, शुक्रवार को पड़ रही है।
शिव, सिद्ध और रवि योग का निर्माण
पंचांग के अनुसार, भड़ली नवमी तिथि पर इस साल 3 खास योगों शिव, सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है जिससे इस तिथि का महत्व और बढ़ गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन तीनों योगों को किसी मांगलिक कार्य के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
भड़ली नवमी तिथि का महत्व
भड़ली नवमी तिथि के दिन विवाह के अलावा किसी नए कारोबार की शुरुआत करने, खरीदारी या गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त होता है। यानी भड़ली नवमी के दिन अक्षय तृतीया की तरह आप पूरे दिन खास मुहूर्त देखे बिना शुभ काम कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)
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Published on:
03 Jul 2022 01:15 pm
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