चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 के पहले दिन यानी प्रतिपदा को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 06:10 बजे से लेकर सुबह 08:31 तक है।
घट स्थापना की विधि
घट स्थापना के लिए आप मिट्टी के पात्र में 7 तरह के अनाज बोएं। इसके बाद इस मिट्टी के पात्र के ऊपर ही मिट्टी के घट यानी कलश की स्थापना करें। घट स्थापना के लिए कलश का मुख उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। कलश को पूरा पानी से भरकर रखें। साथ ही इस जल में थोड़ा गंगाजल भी मिला दें।
इसके पश्चात कलश पर कलावा बांधे और इसके मुख पर एक जटा नारियल को रख दें। जटा नारियल के चारों तरफ कलश के मुख पर ही अशोक के कुछ पत्ते भी लगा दें। फिर नारियल को तिलक लगाकर उस पर लाल कपड़ा उढ़ाकर कलावे से बांध दें।
घट स्थापना के बाद मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री का ध्यान करें और माता रानी को लाल चुनरी, सिंदूर, अक्षत, फूल, फल आदि अर्पित करें। इसके बाद धूप दीप से मां की आरती करें। ध्यान रखें कि आरती के दौरान घंटी जरूर बजाएं। फिर आरती के अंत में शंखनाद करें और ’दुर्गा माता तेरी सदा जय हो’ का जयकारा लगाएं। इसके बाद परिवार के सभी लोग चौकी के सामने हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर मां अम्बे को नमन करें। तत्पश्चात पूजा में रखे प्रसाद को घर के सभी सदस्यों में बांट दें। और जिन लोगों ने नवरात्र व्रत रखा है वे व्रत खोलते वक्त भोग के फल खा सकते हैं।
नवरात्र पूजा सामग्री
मां दुर्गा की नई तस्वीर या प्रतिमा, चौकी और इस पर बिछाने को लाल वस्त्र, माता की लाल चुनरी, लाल फूल, कलश, जौ, गंगाजल, रोली, चावल, 5 तरह के फल, धूप, दीप आदि।