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Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि व्रत से भोलेनाथ देंगे अनंत फल, जानें व्रत की तिथि-मुहूर्त

अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक इस साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि 2022 बुधवार 21 दिसंबर को पड़ रही है। इस व्रत की तिथि मुहूर्त क्या है और मासिक शिवरात्रि-महाशिवरात्रि में अंतर क्या है जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

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Shailendra Tiwari

Dec 18, 2022

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पौष माह की मासिक शिवरात्रि

भोपाल. शिवरात्रि और महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए समर्पित दिन हैं। इस दिन भोले के भक्त भक्ति भाव से अपने आराध्य की पूजा अर्चना करते हैं। कई लोगों के खयाल में यह बात आ सकती है कि दोनों में क्या फर्क है, विद्वानों से बातचीत के बाद हम आपके लिए लाए हैं आपके सवाल का जवाब। साथ ही साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि की तिथि मुहूर्त।


मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतरः ईशान संहिता में बताया गया है कि सृष्टि की शुरुआत में फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात को भगवान शिव शिवलिंग (ब्रह्म से रूद्र रूप में अवतरण) के रूप में प्रकट हुए थे। इसके अलावा यह तिथि भगवान शिव के साकार रूप के वैरागी से गृहस्थ बनने का भी गवाह भी रही है। इसलिए इस दिन को महाशिवरात्रि कहते हैं और भक्त अपने आराध्य की पूजा कर इसका उत्सव मनाते हैं।


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ज्योतिषियों के मुताबिक इस तिथि को चंद्रमा सूर्य के नजदीक भी होता है, यानी यह जीवन रूपी चंद्रमा का शिवरूपी सूर्य से मिलन का भी दिन है। इसलिए इस दिन शिव पूजा का विधान है। वहीं बाकी महीनों कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाते हैं।


मासिक शिवरात्रि की तिथिः प. एके शुक्ला के मुताबिक पौष मास में 21 दिसंबर को मासिक शिवरात्रि पड़ रही है। यह अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से इस साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि है। पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 दिसंबर 2022 को रात 10 बजकर 16 मिनट से शुरू हो रही है और 22 दिसंबर को शाम सात बजकर 13 मिनट पर संपन्न होगी।


विद्वानों के मुताबिक शिवरात्रि में रात के पहर की पूजा का खास महत्व होता है, इसलिए यह 21 दिसंबर को मनाई जाएगी। शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त 21 दिसंबर बुधवार रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस दिन शिव और पार्वती की पूजा विशेष फलदायी होता है। वहीं ये गणेश पूजा का दिन भी है इसलिए और खास बन जाता है।


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मासिक शिवरात्रि का महात्म्यः मान्यता है कि विधि विधान से व्रत रख इस दिन शिव की पूजा करने से अनंत शिव भक्तों को अनंत फल देते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप और रात्रि जागरण कर शिव का ध्यान करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती हैं। वहीं शिवरात्रि का व्रत मोक्षदायी भी है। साथ ही शिव पूजा सभी पापों का क्षय करने मानी जाती है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी खत्म होता है।


यह व्रत युवतियों के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा से अविवाहित युवतियां भगवान शिव से मनचाहे पति का आशीर्वाद पा सकती हैं,वहीं महिलाएं भगवान शिव से अपने पति और परिवार के लिए मंगल कामना करती हैं।