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Merry Christmas 2022: बाइबल की प्रमुख शिक्षाएं, जो बदल सकती हैं जीवन

क्रिसमस 2022 नजदीक है और दुनिया यीशु का जन्मदिन मनाने की तैयारियों में जुटी हुई है। ऐसे में जानिए प्रभु यीशु की शिक्षाएं, जिसे लोग माने तो दुनिया और खूबसूरत बन जाय.

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Shailendra Tiwari

Dec 19, 2022

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बाइबल के उपदेश

भोपाल. ईसाई समुदाय का धर्म ग्रंथ बाइबल है, जिसका रचनाकाल 50 से 100 ईं. के बीच माना जाता है। यह दो भागों में है ओल्ड टेस्टामेंट और न्यू टेस्टामेंट। इसी न्यू टेस्टामेंट से ही ईसाई धर्म की शुरुआत मानी जाती है, जिसे ईसा मसीह के चार शिष्यों ने लिखी है।

इसमें ईसा मसीह का जीवन परिचय, उनके उपदेश और शिष्यों के कार्य संकलित हैं तो क्रिसमस पर हम जानते हैं कि प्रभु यीशु की प्रमुख शिक्षाएं क्या हैं, जो आपका जीवन बदल सकती हैं। इसके अलावा इनको मानकर हम दुनिया को और खूबसूरत बना सकते हैं।


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प्रभु यीशु के उपदेशः प्रभु यीशु के उपदेश अत्यंत सरल और आत्मिक हैं। प्रभु यीशु ने सीख दी है कि बाहरी दिखावे से अधिक परमेश्वर की आज्ञाकारिता की जरूरत है।


1. बाइबल में प्रभु यीशु के उपदेशों के अनुसार, उन्होंने शिष्यों से कहा कि आपको अपने दिल को परेशान नहीं करना चाहिए। आपको ईश्वर में विश्वार करना चाहिए, आप मुझमें विश्वास करें।
2. यीशु ने सभी को क्षमा की सीख दी, यीशु ने कहा सभी को उद्धार की आवश्यकता है, इसमें अतीत के पाप या वह धनी है या निर्धन, महिला है या पुरुष यह उसकी स्थिति पर कोई असर नहीं डालते, बस उसके लिए प्रायश्चित करना चाहिए।
3. प्रभु यीशु ने लोगों को चोरी न करने, अधिक धन संचय न करने, किसी अपराध में लिप्त न होने और सच्चाई का साथ देने की सीख दी।

4. ईसा मसीह ने आत्मा की निर्मलता पर जोर दिया। उन्होंने शिष्यों को सिखाया कि यदि अपनी आत्मा को खो दिया और धन संपदा चाहे दुनिया पा भी ली तो सब व्यर्थ है।

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5. यीशु ने सेवा का संदेश दिया। धनी लोगों से कहा कि अगर सही और ईश्वर के करीब होना चाहते हो तो अपनी सारी संपत्ति गरीबों में बांट दो। इससे तुम्हें स्वर्ग का खजाना मिल जाएगा।
6. यीशु ने एक दूसरे से प्रेम का भी संदेश दिया है। उन्होंने शिष्यों से कहा था जैसे मैंने तुम लोगों से प्रेम किया, वैसे ही तुम लोग एक दूसरे से प्रेम करो। यहां तक की दुश्मनों से भी प्रेम करो, जो तुम्हें सताते हैं उनसे भी प्रेम करो। इससे तुम उस पिता की संतान बन जाओगे, जो स्वर्ग में है। क्योंकि वह अपने सूर्य की कृपा न्यायी और अन्यायी दोनों पर बरसाता है।

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7. मसीह ने परमेश्वर के राज्य में आने के लिए प्रार्थना करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि जो सच्चे दिल से परमेश्वर से कुछ मांगता है, वह उसे जरूर मिलता है, जो दरवाजे खटखटाता है उसी के लिए स्वर्ग के द्वार खुलते हैं।
8. प्रमु यीशु ने ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग बताते हुए कहा कि जो उन तक पहुंच गया, वो ईश्वर तक पहुंच गया, क्योंकि वे ही मार्ग हैं , वे सत्य हैं और वे जीवन हैं। कहा कि किसी अन्य से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कोई दूसरा आपकी आत्मा को नहीं मार सकता।