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Navratri Day 3, Maa Chandraghanta Mantra: मां चंद्रघंटा का चमत्कारी मंत्र, आरती और पसंदीदा भोग की पूरी जानकारी

Maa Chandraghanta Mantra Aarti, Navratri Day 3 : देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में मां चंद्रघंटा का स्वरूप सबसे शांत लेकिन प्रभावशाली माना जाता है। इनकी पूजा से जीवन के समस्त भय, बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 23, 2025

Maa Chandraghanta Mantra Aarti In Hindi,Maa Chandraghanta Mantra, Shardiya Navratri Day 3

Maa Chandraghanta Mantra Aarti In Hindi|फोटो सोर्स – Freepik

Maa Chandraghanta Mantra Aarti In Hindi: शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है, जो शक्ति, शौर्य और सौम्यता की प्रतीक हैं। देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में मां चंद्रघंटा का स्वरूप सबसे शांत लेकिन प्रभावशाली माना जाता है। इनकी पूजा से जीवन के समस्त भय, बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। मां का मस्तक घंटे के आकार के चंद्र से सुशोभित होता है, जो उनके दिव्य तेज का प्रतीक है। इस दिन भक्त विशेष मंत्रों, आरती और प्रिय भोग के माध्यम से मां को प्रसन्न करते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे मां चंद्रघंटा के चमत्कारी मंत्र, शुभ आरती, और वो भोग जो उन्हें अत्यंत प्रिय हैं ताकि आप पा सकें मां की विशेष कृपा और आशीर्वाद।

मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra)

सरल मंत्र : ॐ एं ह्रीं क्लीं

माता चंद्रघंटा का उपासना मंत्र (Shardiya Navratri Day 3)

  1. पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।
  1. आह्लादकरिनी चन्द्रभूषणा हस्ते पद्मधारिणी।

घण्टा शूल हलानी देवी दुष्ट भाव विनाशिनी।।

महामंत्र - (Maa chandraghanta mantra 2025)

‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:‘

देवी स्तोत्र (Maa chandraghanta Devi stotra)

वन्दे वाच्छित लाभाय चन्द्रर्घकृत शेखराम्।

सिंहारूढा दशभुजां चन्द्रघण्टा यशंस्वनीम्॥

कंचनाभां मणिपुर स्थितां तृतीयं दुर्गा त्रिनेत्राम्।

खड्ग, गदा, त्रिशूल, चापशंर पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्यां नानालंकार भूषिताम्।

मंजीर हार, केयूर, किंकिणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वंदना बिबाधारा कांत कपोलां तुग कुचाम्।

कमनीयां लावाण्यां क्षीणकटिं नितम्बनीम्॥

मां चंद्रघण्‍टा की आरती ( Maa Chandraghanta Aarti )

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।

चंद्र समान तुम शीतल दाती।
चंद्र तेज किरणों में समाती। क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।

मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।

सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।

हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योत जलाएं।

शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।

कांची पुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।

नाम तेरा रटू महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।

मां चंद्रघंटा को प्रिय भोग (Maa Chandraghanta Bhog)

नवरात्रि के तीसरे दिन, मां चंद्रघंटा की पूजा में खीर का भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है। विशेष रूप से केसर युक्त खीर मां को अत्यंत प्रिय है। इसके अतिरिक्त, लौंग, इलायची, पंचमेवा और शुद्ध दूध से बनी मिठाइयां भी मां को प्रसन्न करने के लिए उत्तम भोग मानी जाती हैं। भोग में मिश्री अवश्य शामिल करें, क्योंकि यह मां की कृपा पाने का एक मधुर माध्यम है। साथ ही, पेड़े भी मां को अर्पित किए जा सकते हैं, जो उन्हें अत्यंत प्रिय हैं।