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Navratri: दक्षिण भारत में बड़े अनोखे ढंग से मनाते हैं नवरात्रि, कई गुड़िया बनाकर सजाया जाता है घर

locationनई दिल्लीPublished: Sep 26, 2022 06:25:20 pm

Submitted by:

Tanya Paliwal

Navratri Golu: नवरात्रि का पर्व हिन्दू धर्म में बड़ी आस्था और श्रद्धाभाव से मनाया जाता है। वहीं देश के विभिन्न भागों में नवरात्रि से जुड़ी कई परंपराएं देखने को मिलती हैं। दक्षिण भारत में भी बड़े अनोखे ढंग से नवरात्रि मनाई जाती है। इसे बोम्मई गोलू या नवरात्रि गोलू कहते हैं।

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Navratri: दक्षिण भारत में बड़े अनोखे ढंग से मनाते हैं नवरात्रि, कई गुड़िया बनाकर सजाया जाता है घर

Navratri 2022 Golu, Bommai Golu: इस साल 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा। जहां उत्तर भारत में नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा, जागरण और मंदिरों में कई अनुष्ठान किए जाते हैं। पश्चिम में लोकप्रिय नृत्य गरबा की धूम होती है तो पूर्वी भारत में दुर्गा पूजा और दावतों का आयोजन किया जाता है। इसी तरह नवरात्रि के दौरान दक्षिण भारत के घरों में गुड़िया और मूर्तियों से सजाकर उत्सव मनाया जाता है। दक्षिण भारत में इसे बोम्मई गोलू या नवरात्रि गोलू के नाम से जानते हैं।

तमिल परंपरा के अनुसार बोम्मई गोलू या कोलू का अर्थ दिव्य उपस्थिति है। समारोह के दौरान घरों को ‘बोम्मई गोलू’ की गुड़िया से सजाया गया है। वहीं नवरात्रि के त्योहार में कर्नाटक, तमिलनाडु, और आंध्र प्रदेश में विभिन्न देवी-देवताओं, बच्चों, जानवरों तथा पुरुषों की गुड़ियाओं को सीढ़ीनुमा जगह पर एक के ऊपर एक रखा जाता है। तेलुगु में इसे बोम्माला कोलुवु के नाम से जानते हैं जिसका मतलब होता है खिलौने का दरबार।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सीढ़ीनुमा जगह के पहले चरण को कलश से सजाया जाता है। इस पानी से भरे कलश के मुख पर आम के पत्ते लगाए जाते हैं और उसके ऊपर एक नारियल रखा जाता है। मान्यता है कि ये कलश मां दुर्गा का प्रतिनिधित्व करने वाला होता है। इसके बाद इस पूजनीय कलश के दोनों तरफ देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करते हैं। धार्मिक परंपरा के अनुसार, देवी दुर्गा, माता लक्ष्मी, मां सरस्वती की गुड़िया के साथ मारापाची बोम्मई नामक लकड़ी की गुड़िया इस परंपरा का खास हिस्सा होती हैं। फिर अगले कुछ चरणों में देश के संतों और नायकों की मूर्तियां स्थापित होती हैं।

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