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Chaitra Navratri Puja: नवरात्रि पूजा में शामिल वस्तुओं के होते हैं खास अर्थ, क्या जानते हैं आप

Published: Mar 17, 2023 01:44:33 pm

Submitted by:

Pravin Pandey

नवरात्रि पूजन सामग्री (Navratri Poojan Samagri) में कई चीजों की जरूरत होती है। इनमें से कई चीजों के खास अर्थ हैं तो कुछ से भविष्य के संकेत भी मिलते हैं। चैत्र नवरात्रि 2023 (Chaitra Navratri) पर आइये जानते हैं नवरात्रि पूजन सामग्री का अर्थ(Navratri Poojan Samagri Arth)।

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chaitra navratri puja

मंगल कलशः धार्मिक ग्रंथों में कलश को सुख समृद्धि, ऐश्वर्य और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि इसमें सभी ग्रह नक्षत्र और तीर्थों का वास होता है। मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश, नदी, सागर, सरोवर, तैतीस कोटि देवी देवता इसमें वास करते हैं।

जौ से मिलते हैं भविष्य के संकेत : नवरात्रि पूजा के पहले दिन जौ बोया जाता है। ये समृद्धि, शांति और खुशहाली के प्रतीक होते हैं। मान्यता है कि जौ उगने की प्रक्रिया संबंधित घर में भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत देती हैं। माना जाता है जौ तेजी से बढ़ते हैं तो घर में समृद्धि आती है और ये बढ़ते नहीं, मुरझाए रहते हैं तो भविष्य में किसी अनिष्ट का संकेत देते हैं।

बंदनवारः प्राचीनकाल से ही हमारे यहां शुभ कार्य, अनुष्ठानों के दौरान मुख्य द्वार पर बंदनवार सजाए जाते हैं। हिंदू धर्म मानने वालों की मान्यता है कि इससे नकारात्मक शक्तियां घरों में प्रवेश नहीं करतीं। कहा जाता है नवरात्रि पूजा के पहले दिन मां के साथ कई बुरी शक्तियां भी आती हैं, लेकिन बंदनवार बंधे रहने से वो घर से बाहर रूक जाती हैं।
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दीपकः दुर्गा मां की पूजा में शुद्ध देसी घी का अखंड दीप जलाया जाता है। मान्यता है कि इससे घर का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। अखंड दीप को पूजा स्थल पर दक्षिण पूर्व दिशा में रखना चाहिए। क्योंकि यह दिशा ही अग्नितत्व का प्रतिनिधित्व करती है। माता की पूजा में अखंड दीप जलाने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और घर में सुख समृद्धि भी आती है। पूजा के दौरान यह दीप बुझना नहीं चाहिए, इसे शुभ नहीं माना जाता।

लाल गुड़हल का फूलः गुड़हल माता का प्रिय पुष्प है। यह कोमल पुष्प सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। मान्यता है कि यह पुष्प मां को भेंट करने से माता जगदंबा भक्त की सभी मनोकामना पूरा करती हैं।
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नारियलः नवरात्रि पूजा में कलश पर मौली और लाल कपड़े से नारियल को लपेटकर रखा जाता है। जिसका एक गूढ़ अर्थ भी है। नारियल के बाहरी आवरण को अहंकार और भीतरी भाग को पवित्रता-शांति का प्रतीक माना जाता है।
मां दुर्गा के सामने नारियल को तोड़ने का अर्थ स्वयं के अहंकार को नष्ट कर निर्मल मन से मां के सामने अपनी भक्ति का समर्पण करना है। माना जाता है कि इससे माता जगदंबा प्रसन्न होती हैं और भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।
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