स्कंद षष्ठी व्रत 2022 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 3 अगस्त को सुबह 5:41 बजे से शुरू होगी और इसका समापन 4 अगस्त को सुबह 5:40 बजे होगा। वहीं उदयातिथि 3 अगस्त को होने के कारण स्कंद षष्ठी व्रत इसी दिन रखा जाएगा।
सावन स्कंद षष्ठी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन स्कंद षष्ठी व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है।
अमृत सिद्धि योग: 3 अगस्त 2022 को सुबह 5:45 से सुबह 9:51 बजे तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग: 3 अगस्त 2022 को सुबह 5:45 से शाम 6:24 बजे तक।
स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा विधि
स्कंद षष्ठी व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर की सफाई करके वहां एक चौकी लगाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। साथ में भोलेनाथ, पार्वती और गणपति जी की भी प्रतिमा स्थापित करें।
फिर भगवान कार्तिकेय के समक्ष एक कलश स्थापित करके व्रत का संकल्प लें और सबसे पहले हाथ जोड़कर गणेश वंदना करें। तत्पश्चात भगवान कार्तिकेय पर जल अर्पित करके वस्त्र चढ़ाएं। इसके बाद फूल, फल, पुष्पमाला और मिष्ठान अर्पित करें। इसके बाद धूप दीप से आरती उतारें। हाथ जोडकर कार्य सिद्धि के लिए प्रार्थना करें। इस दिन सुबह-शाम मंदिर में भगवान के आगे दीपक जरूर जलाएं।
ऊं शारवाना-भावाया नमः
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा
देवसेना मनः काँता कार्तिकेया नामोस्तुते
ऊं सुब्रहमणयाया नमः
स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्कंद षष्ठी व्रत के दिन भगवान स्कन्द यानी कार्तिकेय जी की विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति को संतान सुख प्राप्त होता है। साथ ही उसके भीतर के क्रोध, लालच, मोह, अहंकार जैसे सभी दोष समाप्त होते हैं।