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Ganesh Jayanti 2022 : माघ मास की गणेश जयंती कब है, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

Ganesh Jayanti 2022 : माघ माह में भगवान गणेश को समर्पित दो महत्वपूर्ण व्रत रखे जाएंगे। इनमें से एक सकट चौथ है और दूसरा गणेश जयंती. इस बार बन रहे हैं दो खास योग

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Deepesh Tiwari

Jan 31, 2022

Shri ganesh janmotsav 2022

ganesh janmotsav 2022

Ganesh Jayanti 2022 : हिंदू कैलेंडर के 11वां माह यानि माघ (Magha Month) का हिंदू धर्म (Hindusim) में विशेष महत्व माना गया है। हिंदू धर्म ग्रंथ यानि पुराणों में माघ के महीने का जिक्र मिलता है जिसमें इस माह को मोक्ष का महीना माना गया है।

दरअसल मान्यता के अनुसार इस महीने में गंगा-यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान सभी पापों का नाश करता है। इसके अलावा हिंदू कैलेंडर के 11वां माह यानि माघ जो मुख्य रूप से भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ ही सूर्यदेव की पूजा का महीना माना जाता है के दौरान भगवान गणेश को समर्पित दो बहुत महत्वपूर्ण उपवास रखे जाते हैं।

इनमें जहां एक सकट चौथ (Sakat Chauth 2022) है वहीं दूसरा गणेश जयंती का पर्व है। ये मुख्य रूप से भारत के उत्तरी राज्यों में मनाई जाती है। माना जाता है कि सभी दुखों और परेशानियों को दूर करने के लिए सकट चौथ का व्रत मनाया जाता है, जबकि भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में गणेश जयंती (Ganesh Jayanti 2022) को मनाया जाता है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विघ्नहर्ता श्री गणेश (lord Ganesha) का जन्म माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था, ऐसे में इस दिन को गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन व्रत करने और भगवान गणेश की जन्म कथा सुनने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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गणेश जयंती की तिथि और मुहूर्त
पंडित सुनील शर्मा के मुताबिक पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि जो साल 2022 (संवत्सर 2078) में शुक्रवार, 04 फरवरी को सुबह 04 बजकर 38 मिनट से शुरू होगी और शनिवार, 05 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा।

इस बार 04 फरवरी को मनाई जाने वाली गणेश जयंती के लिए सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक का समय गणपति बप्पा की पूजा के लिए शुभ है, यानि पूजा के लिए कुल 02 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा।

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गणेश जयंती पर इस बार विशेष संयोग
पंडित शर्मा के अनुसार साल 2022 में गणेश जयंती पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहे हैं। दरअसल इस बार गणेश जयंती रवि योग और शिव योग में मनाई जाएगी। इसके तहत जहां 04 फरवरी को शाम 07 बजकर 10 मिनट तक शिव योग रहेगा, वहीं रवि योग सुबह 07 बजकर 08 मिनट से शुरू होकर दोपहर 03 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।

गणेश जयंती की खासियत
हिंदू शास्त्रों के अनुसार माता पार्वती ने जिस दिन उबटन से श्री गणेश की रचना करने के पश्चात उनमें प्राण प्रतिष्ठा की थी। वह दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी थी।

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ऐसे में जो कोई भी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करता है, उसे दिव्य सुख की प्राप्ति होती है साथ ही उसकी समस्त मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

गणेश जयंती का पूजा विधि
गणेश जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि सहित नित्य कर्मों के पश्चात पूजा स्थल की सफाई करें। और फिर मंदिर या पूजा स्थल को फूलों और रोशनी से सजाएं। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाने के पश्चात उस पर भगवान गणेश की मूर्ति रखें। फिर गणेश जी को सिंदूर और दूर्वा अर्पित करते हुए 21 लडडुओं का भोग लगाए। इनमें से 5 लड्डू श्री गणेश जी को अर्पित करने के बाद बाकी लड्डुओं को गरीबों या ब्राह्मणों को बांट दें। फिर गणेश जी की कथा, चालीसा और आरती करके उनका आशीर्वाद लें।