
बृहस्पतिवार व्रत से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
भोपाल. बृहस्पतिवार को भगवान बृहस्पतेश्वर का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा कर उपवास रखते हैं तो नारायण हर मनोकामना पूरी करते हैं। पुत्र-पुत्री की आकांक्षा हो या धन और यश, गुरुवार व्रत से भगवान विष्णु भक्त की हर आकांक्षा पूरी करते हैं। कई लोग इस दिन बृहस्पतिदेव और केले के पौधे की पूजा करते हैं।
यह है व्रत का नियमः इस दिन व्रत में एक समय भोजन किया जाता है। हालांकि यह अस्वाद भोजन होता है, यानी की इस भोजन में शाम के समय बिना नमक शक्कर वाला भोजन करने की छूट होती है।
बृहस्पतिवार की पूजा में पीले वस्त्र पहनना चाहिए और पीले फूल का पूजा में इस्तेमाल करना चाहिए। इस पूजा में भगवान की पीले चंदन से पूजा करनी चाहिए। भगवान की पूजा के बाद गुरु गीता का पाठ करना चाहिए। इसी के साथ बृहस्पति महाराज की कथा सुननी चाहिए। मान्यता है कि विधि पूर्वक पूजा से भगवान विष्णु भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
ऐसे करें पूजा
1. पहली बार पूजा कर रहे हैं तो विष्णु भगवान की मूर्ति, केले का पेड़, पीले फूल, चने की दाल, गुड़, मुनक्का, हल्दी, कपूर, शुद्ध जल, गंगाजल, धूप, घी का दीपक, आचमनी आदि का पहले ही इंतजाम कर लें।
2. बृहस्पतिवार को सुबह स्नान-ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान बृहस्पतेश्वर की पूजा करें।
3. अगर बृहस्पति महाराज की मूर्ति हैं तो उसे शुद्ध जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कराएं। इसके बाद सभी सामग्री को एक एक करके भगवान को अर्पित करें ।
4. सभी सामग्री को भगवान को अर्पित करने के गाय के घी का दीपक जलाकर भगवान बृहस्पतेश्वर की आरती करें ।
5. इस व्रत में बृहस्पतिवार की कथा जरूर सुननी चाहिए।
6. आखिर में पूजा में हुई त्रुटि के लिए भगवान से क्षमा मांगें और भगवान से अपने कुटुंब के शुभ और कल्याण के लिए प्रार्थना करें।
Published on:
14 Dec 2022 08:24 pm
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