
वास्तु शास्त्र: घर के मन्दिर से जुड़ी इन बातों का ध्यान न रखने पर झेलनी पड़ सकती हैं परेशानियां
हिंदू धर्म में घर के मंदिर का भी बड़ा महत्व होता है। और कई लोग भवन निर्माण के साथ ही पूजा के लिए अपने घर में भी मंदिर बनवाते हैं। या फिर बाजार से धातु अथवा लकड़ी का मंदिर लाकर घर के किसी स्थान को पूजा स्थल बना लेते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी कार्य की शुरूआत से पहले भगवान का स्मरण और पूजा-पाठ जिस तरह महत्व रखता है उतना ही महत्व मंदिर की स्थिति और पूजा की विधि का भी होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर से जुड़ी कुछ सामान्य बातों का ध्यान न रखने से आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा आने लगती है। तो आइए जानते हैं कि वे कौन सी बातें हैं जिन पर ध्यान न देने से आपको जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है...
1. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में बड़ी मूर्तियां रखना शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि इससे दांपत्य जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। हालांकि आप भगवान की बड़ी तस्वीर लगा सकते हैं।
2. घर में शयनकक्ष में कभी भी मंदिर नहीं बनवाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के उत्तर-पूर्वी कोने में मंदिर होना शुभ माना जाता है।
3. घर के मंदिर में भगवान की मूर्तियों व तस्वीरों को समतल जमीन पर ना रखकर हमेशा फर्श से थोड़े ऊंचे स्थान पर रखना उचित होता है।
4. हिंदू धर्म में शिवलिंग की पूजा का बड़ा महत्व बताया गया है। ऐसे में ध्यान रखें कि घर के मंदिर में हाथ के अंगूठे के आकार से बड़ा शिवलिंग रखना शुभ नहीं माना जाता है।
5. घर के मंदिर में पूजा करते समय ध्यान रखें कि पूजा करते हुए आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इससे आप अधिक शांति और एकाग्रता से पूजा कर सकेंगे।
6. आमतौर पर लोग सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि पूजा करने के बाद दीपक को घर के मंदिर में ही छोड़ देते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए पूजा के बाद दीपक तो हमेशा घर की दक्षिण दिशा में रखना शुभ होता है।
7. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में या उसके आसपास किसी मृतक व्यक्ति या अपने पूर्वजों की तस्वीर रखना और उनकी पूजा करना बिल्कुल गलत है। लेकिन यदि आप तस्वीर रखना चाहते हैं तो मंदिर के स्तर से नीचे ही मृतक व्यक्ति की तस्वीर रखनी चाहिए।
Published on:
12 Apr 2022 10:36 am
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