
Action start in Rewa against private school, parents have no relief
रीवा। निजी स्कूलों को भले ही छात्र संबंधित विवरण जल्द से जल्द देने की हिदायत दी गई हो। लेकिन स्कूल संचालकों पर जिला प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों का कोई खास असर नहीं पड़ा है। शायद यही वजह है कि आदेश जारी हुए सप्ताह भर का समय बीतने के बावजूद अभी आधे स्कूलों से भी विवरण प्राप्त नहीं हुआ है।
ऑनलाइन उपलब्ध कराना है विवरण
जिला प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों के अनुरूप निजी स्कूल संचालकों को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में स्कूलों में चलाई जा रही किताबें, डे्रस व फीस सहित अन्य दूसरे विवरण ऑनलाइन उपलब्ध कराना है। लेकिन अभी तक आधे से अधिक स्कूलों की ओर से विवरण उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। जिले में निजी स्कूलों की संख्या एक हजार के करीब है।
उपलब्ध कराई गई अधूरी सूची
निजी स्कूल संचालकों की लापरवाही के मद्देनजर शिक्षा अधिकारी की ओर से कई बार निर्देश जारी किया गया है। लेकिन स्कूल संचालक हैं कि उनके कान पर जूं नहीं रेंग रही है। अब तक करीब ३०० स्कूलों की ओर से विवरण मुहैया कराया गया है। लेकिन इनमें भी कई स्कूलों की ओर से उपलब्ध कराई गई सूचना अधूरी है।
चिह्नित होंगे मनमानी करने वाले स्कूल
स्कूलों की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराई जा रही जानकारी के आधार पर उन स्कूलों को चिह्नित किया जाएगा, जो निर्धारित नियमों के विरुद्ध स्कूल संचालन में मनमानी कर रहे हैं। अधिकारियों की माने तो ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन स्तर को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
अभिभावकों को नहीं कोई उम्मीद
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से भले ही स्कूलों से विवरण लेकर उनकी मनमानी पर लगाम लगाने की बात की जा रही हो। लेकिन अभिभावकों को लेटलतीफ शुरू हुई इस कवायद से अभिभावकों को कोई खास उम्मीद नहीं है। वजह उनके द्वारा किताबों और ड्रेस की खरीदारी के साथ फीस जमा कर देना है। लगभग सभी अभिभावकों की जेब अप्रैल में ही कट चुकी है।
Published on:
01 Jul 2018 12:49 pm
बड़ी खबरें
View Allरीवा
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
