
After 55 days, the businessman of Sidhi is free from the kidnapper,
रीवा. रीवा से 55 दिन पूर्व अपहृत युवक को पुलिस ने बिहार में अन्र्तराज्जीय गिरोह के चंगुल से मुक्त करा लिया है। मध्यप्रदेश और बिहार पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में शनिवार सुबह मुजफ्फरपुर से युवक को मुक्त कराने के साथ फिरौती की 40 लाख रुपए की रकम बरामद कर ली है। अपहरणकांड में इनामी बदमाश बलिंदर सिंह सहित पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है, जो फिलहाल बिहार पुलिस की कस्टडी में हंै। बदमाशों के पास से पुलिस की वर्दी और पिस्टल भी बरामद की गई है।
बच्चों की फीस जमा करने के लिए रीवा आए थे
सीधी के संत बहादुर सिंह अपने बच्चों की फीस जमा करने के लिए रीवा आए थे। 23 जुलाई को वे जीप से अकेले घर जा रहे थे, जिनका गुढ़ रोड से बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। उनकी गाड़ी 24 जुलाई को यूपी के मिर्जापुर के चुनार में लावारिस मिली थी। 26 जुलाई को अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को फोन कर १५ लाख रुपए की फिरौती मांगी थी और 15 दिन का समय दिया था।
चलती गाड़ी से फिकवाया था बैग, एमपी पुलिस भी ट्रेन से कूदी
संत बहादुर की खोज में रीवा पुलिस दो माह से खाक छान रही थी। इस दौरान पता चला कि बिहार के मुजफ्फरपुर के आसपास छिपा रखा है। अपहरणकर्ताओं ने 6 सितंबर को परिजनों को फोन कर फिरौती के लिए इलाहाबाद बुलवाया। इलाहाबाद से पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में बैठने को कहा। परिजनों का साये की तरह पीछा कर रही रीवा पुलिस भी ट्रेन में सिविल ड्रेस में सवार थी। सफर के दौरान ही अपहरणकर्ताओं ने धनबाद झारखंड बुलाया। वहां से रात दो बजे मुगलसराय के लिए हावड़ा बॉम्बे मेल को पकडऩे को बोला। परिजन टे्रन में वापस सवार हो गए। बिहार के गया-सासाराम रेलखंड एक स्टेशन पर जब ट्रेन पहुंची तो अपहरणकर्ताओं ने फोन कर बोगी के गेट पर बुलाया। हिदायद दी कि उनका आदमी पुल के पास हाथ में सफेद रुमाल हिलाते खड़ा होगा वहीं पर उनको रुपए से भरा बैग फेंकना है। ट्रेन में सवार रीवा पुलिस अलर्ट हो गई और जैसे ही परिजनों ने खुर्दा स्टेशन पर टे्रन से रुपए से भरा बैग फेंका तो रीवा पुलिस के जवान भी कूद गए। बिहार पुलिस भी ताक लगाए बैठी थी। इस दौरान फिरौती की रकम लेकर बाइक में दो अपहर्ता फरार हो गए। रीवा और रोहतास पुलिस ने पीछा करते हुए शिवसागर स्टेशन पर सरगना बलिंदर सिंह औरंगाबाद मदनपुर बिहार व इंदौर के नानक नगर निवासी नारायण को धर दबोचा। इनके कब्जे से फिरौती के 40 लाख रुपए, मोटर साइकिल व हथियार बरामद हुए हैं। बलिंदर पर मध्यप्रदेश पुलिस ने लगभग एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।
मुजफ्रपुर में मिला अपहृत युवक
पूछताछ के बाद पुलिस ने अपहृत युवक को मुजफ्फरपुर में रखने की जानकारी दी। रीवा पुलिस अधीक्षक ने तत्काल सूचना मुजफ्फरपुर एसपी को दी जिस पर उन्होंने खालिद मियां उर्फ अंसारी के घर में दबिश दी। अपहृत युवक उक्त घर में मिल गया जिसको पुलिस ने मुक्त करा लिया। पुलिस ने उक्त मकान में मौजूद तीन बदमाशों अंकित सिंह निवासी पर्वाती जिला नावदा बिहार, सहलानरश निवासी मनोहर छपरा बरुराज मुजफ्फरपुर, अजीत निवासी पर्वाती को भी दबोच लिया।
पुलिस की वर्दी में बदमाशों ने किया था अपहरण
उक्त युवक का बदमाशों ने पुलिस की वर्दी में अपहरण किया था। बदमाश फोरह्वीलर वाहन में सवार होकर आए थे और किसी ऐसे व्यक्ति का इंतजार कर रहे थे जो अकेला जा रहा हो और उससे मोटी रकम मिल सके। संयोग से उसी समय युवक एक्सयूवी गाड़ी में अकेले सफर करते हुए पहुंच गया। टोल प्लाजा के आगे बदमाशों ने उसकी गाड़ी को रोका और अपनी गाड़ी में बैठा लिया। उसकी गाड़ी लेकर दूसरा बदमाश रवाना हो गया। इसके बाद बदमाश उसको अपने साथ ले गए और गाड़ी को दूसरा बदमाश चुनार यूपी में छोड़कर भाग गया।
रीवा एसजीएमएच में अस्पताल से भागा था गिरोह का सरगना
गिरोह का सरगना बलिंदर सिंह इंदौर में 2006 में हुए कैलाश बहेती अपहरण कांड में सेंट्रल जेल रीवा में बंद था।26 मई 2016 की रात उसे केन्द्रीय जेल रीवा से इलाज के लिए संजय गांधी अस्पताल लाया गया था। आरोपी ने सुबह चार बजे ड्यूटी में तैनात आरक्षक राजेन्द्र पिडि़हा को पानी में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। जब वह अचेत हो गया तो अस्पताल से साथी के साथ बाइक से फरार हो गया था।
अलग-अलग प्रांतों में फिरौती की रकम देने के लिए बुलाते थे बदमाश
उक्त बदमाश परिजनों को फिरौती की रकम लेने के लिए परिजनों को अलग-अलग राज्यों में बुलाते थे।अपहरणकर्ताओं ने जबलपुर, होशंगाबाद, खंडवा, सतना के मैहर, उचेहरा, भुसावल, नासिक, कानपुर, जालौन, इलाहाबाद, धनबाद, मुगलसराय, पश्चिम बंगाल सहित स्थानों में फिरौती की रकम लेकर बुलाया था लेकिन फिरौती की रकम लेने नहीं आए। परिजनों ने जब युवक से बात करवाने के लिए बोला तो उन्होंने युवक के हाथ की लिखी चि_ी मैहर में दी थी। परिजनों को पेड़ के नीचे चि_ी रखी मिली थी। शायद अपहरणकर्ताओं को परिजनों के साथ पुलिस की मौजूदगी की भनक लग जाती थी जिससे वे प्लान बदल देते थे। इस बार पुलिस परिजनों से दूर दूसरी बोगी में सवार थी जिससे अपहरणकर्ता समझ नहीं पाए और फंस गए।
साजिश रचने व निर्देश में दो आरोपियों के नाम आए सामने
अपहरण कांड में साजिश रचने व पूरे कांड को ऑपरेट करने में दो आरोपियों के नाम सामने आए हंै। आरोपी तमीम निवासी इंदौर व खालिद मियां निवासी मुजफ्फपुर अपहरण से लेकर फिरौती की रकम मिलने तक पूरी साजिश को रचने में अहम भूमिका निभाए थे।उनको पकडऩे के लिए पुलिस ने घरों में दबिश दी थी लेकिन दोनों आरोपी फरार हैं।
सरगना पर दर्ज है 6 5 अपराध, 6 राज्यों में आपरेट करता है गिरोह
अपहरणकांड को अंजाम देने वाली गैंग अन्र्तराज्जीय गैंग कई राज्यों में वारदातों को अंजाम देती है। एमपी, यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल व एक अन्य राज्य शामिल है। इस गिरोह का सरगना बलिंदर सिंह पर कुल 6 5 मामले दर्ज हैं जिसमें अपहरण, फिरौती, लूट, हत्या, हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामले हैं। मुख्य सरगना बलिंदर सिंह पर एमपी में 50 हजा रुपये का इनाम स्वीकृत है।
अजय सिंह गिरोह का हाथ
संत बहादुर की बरामदगी के बाद खुलासा हुआ कि उसके अपहरण में अजय सिंह गिरोह का हाथ है। इस गिरोह के अपराधियों ने ही सूरत के व्यापारी सुहैल हिंगोरा व गया में डॉक्टर दंपति का अपहरण किया था। सुहैल हिंगोरा का सूरत से अपहरण करने के बाद मोटी रकम लेकर रिहा किया था। डॉक्टर दंपति का बाराचट्टी से अपहरण किया था जिसे लखनऊ में रिहा कराया था। अजय सिंह डॉक्टर दंपति अपहरण कांड में अभी गया जेल में बंद है। वह कोलकता व मध्य प्रदेश के कई व्यापारियों का अपहरण कर लाखों रुपए की फिरौती वसूल चुका है।
6 राज्यों की पुलिस ने की मेहनत
उक्त अपहरणकर्ताओं को पकडऩे में 6 राज्यों की पुलिस ने मेहनत की है। रीवा आइजी उमेश जोगा, डीआइजी अविनाश शर्मा व एसपी सुशांत सक्सेना ने अपहरण कांड का खुलासा करने में दिन रात मेहनत की। पुलिस के साथ एमपी व यूपी एसटीएफ सहित अन्य राज्यों की पुलिस लगातार मेहनत करती रही। अपहरणकांड का खुलासा करने में एएसपी आशुतोष गुप्ता, सीएसपी शिवेन्द्र सिंह, साइबर सेल प्रभारी गौरव मिश्रा, सोनल झा, मानेन्द्र शर्मा, सुभाष भारती, आरक्षक प्रीतम मार्को, प्रशांत विश्वकर्मा, भोलेन्द्र दीपांकर, अनिल दुबे, लीलाधर डोंगरे, रवीन्द्र पाल, उपनिरीक्षक विक्रम सिंह, पीएसआई अरविंद सिंह राठौर, जगदीश सिंह ने रोहतास एसपी सत्यवीर सिंह, एसपी मुजफ्फपुर हरप्रीत कौर के त्वरित प्रयास से युवक को अपहरण मुक्त कराया है। इसमें निरीक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह, निरीक्षक विनोद सिंह, विजय सिंह बघेल, कन्हैया बघेल, जगदीश ठाकुर, शिवपूजन बिसेन, शिवा अग्रवाल, अखिलेश अग्निहोत्री, आरके जायसवाल, कौशलेन्द्र सिंह परिहार, अखिल सिंह, अभिषेक पाण्डेय, करण यादव, मनीष पाण्डेय, आरक्षक मयंक के अलावा म.प्र. व उ.प्र. एसटीएफ, आरपीएफ बिहार, जीआरपी म.प्र., झारखंड पुलिस, महराष्ट्र व पश्चिम बंगाल पुलिस, मनीष कुकेती नोडल आफीसर वोडाफोन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आइजी ने पूरी टीम का जताया आभार
युवक की 55 दिन बाद सकुशल वापसी पर हिन्दू क्षत्रीय वाहिनी संगठन के पदाधिकारियों ने पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय पहुंचकर आइजी उमेश जोगा सहित पूरी टीम के सदस्यों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। उन्होंने पुलिस की कुशलता और संयम की सराहना करते हुए कहा कि तमाम विरोध और विपरित परिस्थितियों के बाद भी रीवा पुलिस ने संयम से काम लिया और युवक को सकुशल मुक्त करवा
Published on:
09 Sept 2018 01:16 am
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