
APS did not get BSNL service, bill given Rs 2.5 lakh
रीवा। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) का काम भी निराला है। निगम अधिकारी बगैर सेवा दिए बिल जमा कराने की कोशिश में लगे हुए हैं। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय इसका जीता जागता उदाहरण है। विश्वविद्यालय में टेलीफोन की लैंडलाइन सेवा करीब दो साल से ठप है। यह बात और है कि निगम की ओर बिल लगातार भेजा जा रहा है। नतीजा विश्वविद्यालय लाखों का कर्जदार बन गया है।
दो वर्ष में ठीक नहीं किया फाल्ट
विश्वविद्यालय अधिकारियों के मुताबिक करीब दो वर्ष से सभी विभागों की लैंडलाइन टेलीफोन सेवा ठप है। विभागाध्यक्षों की अपील पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बीएसएनएल को कई बार फाल्ट को ठीक कर सेवा बहाल करने की मांग की लेकिन नतीजा सिफर रहा है। एक दर्जन से अधिक बार सेवा बाधित होने की शिकायत किए जाने के बावजूद बीएसएनएल अधिकारी सेवा बहाल नहीं कर सके हैं।
2.5 लाख रुपए का बिल बढ़ा रहा बेचैनी
विश्वविद्यालय अधिकारियों की परेशानी यह है कि एक ओर जहां निगम अधिकारी सेवा बहाल करने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं वहीं दूसरी ओर हर महीने निगम भारी-भरकम बिल भेज रहा है। बिना सेवा मिले बीएसएनएल का करीब 2.5 लाख रुपए का बिल विश्वविद्यालय अधिकारियों के बेचैनी का कारण बन रहा है।
प्रोफेसरों के साथ छात्र भी हैं परेशान
विश्वविद्यालय में लैंडलाइन टेलीफोन सेवा बाधित होने के चलते न केवल प्रोफेसरों को बल्कि छात्रों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर पीएचडी व एमफिल के छात्र परेशान हैं, क्योंकि टेलीफोन सेवा बाधित होने के चलते उन्हें इंटरनेट की उचित सुविधा नहीं मिल पा रहा है। जिससे उन्हें शोध कार्य में भारी परेशानी होती है।
बिल भरने को तैयार नहीं विश्वविद्यालय
बिना सेवा बीएसएनएल से मिले ढाई लाख रुपए का बिल भरने को एपीएस विवि के अधिकारी तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि जब सेवा मिली ही नहीं तो बिल भरने का सवाल ही नहीं उठता है। बीएसएनएल अधिकारियों से कई बार फाल्ट ठीक करने की अपील भी की गई। लेकिन उनके द्वारा कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई।
Published on:
03 May 2018 12:49 pm
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