
Bad situation of cleanliness campaign in APSU Rewa
रीवा। पूरे देश में जहां स्वच्छता को लेकर विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के मद्देनजर भी स्वच्छता के प्रति शासन-प्रशासन की ओर से विशेष सतर्कता दिखाई जा रही है। इस स्थिति में भी अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में स्वच्छता का बुरा हाल है। विभागों की बात तो दूर स्वच्छता के प्रति अधिकारियों की उदासीनता प्रशासनिक भवन में ही आसानी से देखी जा सकती है।
कार्यालय से लेकर शौचालय तक फैली है गंदगी
विश्वविद्यालय में कार्यालय से लेकर शौचालय तक फैली गंदगी के लिए वैसे तो कर्मचारी भी जिम्मेदार हैं, लेकिन अधिकारी भी इसके लिए कम कसूरवार नहीं हैं। अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा प्रशासनिक भवन में कर्मचारियों के लिए बने शौचालय को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है।
शौचालय के दरवाजे व पानी टोटियां हैं टूटी
शौचालय की स्थिति इस कदर बद्तर है कि वहां किसी के लिए भी दो मिनट ठहर पाना मुश्किल होता है। शौचालय के दरवाजे व पानी टोटियों के टूटे होने के चलते उसका उपयोग करना भी किसी के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। कार्यालयों के अलावा स्वर्ण जयंती पार्क को छोड़ दिया जाए तो परिसर में जगह-जगह गंदगी का ढेर देखने को मिल जाता है।
सफाई के लिए तैनात की गई है लंबी-चौड़ी फौज
विश्वविद्यालय में स्वच्छता का यह आलम उस स्थिति में है, जब कि साफ-सफाई के बावत डेढ़ दर्जन कर्मचारियों की फौज तैनात की गई है। यह बात और है कि ज्यादातर सफाईकर्मी विश्वविद्यालय के प्रशानिक भवन और विभागों में कम अधिकारियों व प्रोफेसरों के बंगले पर अधिक वक्त देते हैं। ज्यादातर अधिकारी कर्मचारियों से बंगले पर सेवा लेते हैं। यही वजह है कि इस संबंध में कोई टोकाटोकी नहीं होती है।
केवल दिखावे के लिए चलाया गया अभियान
विश्वविद्यालय परिसर में स्वच्छता का भले ही बुरा हाल हो, लेकिन दिखावे में अधिकारी और कर्मचारी कोई गुरेज नहीं रखते हैं। पूर्व में विशेष दिवसों पर जहां अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एनएसएस के छात्रों ने परिसर में विशेष सफाई अभियान चलाया है। वहीं दो अक्टूबर को भी स्वच्छता को लेकर विश्वविद्यालय के फिर से सफाई का अभियान चलाने की तैयारी है।
Published on:
01 Oct 2018 12:39 pm
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