
Banks do not have cash, Rewa's account holders are worried
रीवा। महीने की शुरुआत में कैश की किल्लत पिछले छह महीनों से ढर्रा बन गई है। पहला सप्ताह न केवल पब्लिक बल्कि बैंक अधिकारियों के लिए भी मुश्किल भरा होता है। वजह कैश की उपलब्धता मांग की तुलना में एक चौथाई से भी कम होना है। नतीजा वेतन खाते में पहुंचने के बावजूद लोगों को कैश के लिए भटकना पड़ रहा है। सोमवार को वैसे तो ज्यादातर एटीएम खाली रहे लेकिन जहां कैश उपलब्ध रहा। वहां लंबी लाइन देखी गई।
ज्यादातर एटीएम चल रहे खाली
बैंक के खाताधारकों की बात छोडि़ए पिछले छह महीने से एसबीआई, यूबीआई व पीएनबी जैसे बैंक भी कैश की किल्लत झेल रहे हैं। रिजर्व बैंक से कैश नहीं मिलने के चलते उनके खजाने खाली हो गए हैं। इस स्थिति में अधिकारियों के लिए एटीएम में लोड करने के लिए पर्याप्त कैश देना संभव हो रहा है। नतीजा ऐसे समय में ज्यादातर एटीएम खाली हैं, जब लोगों को कैश की सख्त जरूरत होती है।
मांग 60 करोड़ की, 15 भी उपलब्ध नहीं
बैंकों में कैश की किल्लत का अंदाजा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि ग्राहकों की मांग के अनुरूप विभिन्न बैंकों को हर रोज आरबीआई की ओर से 60 करोड़ रुपए का कैश मिलना चाहिए। लेकिन उपलब्ध 15 करोड़ भी नहीं हो रहा है। इसका नतीजा यह है कि बैंक से लेकर एटीएम तक में कैश की किल्लत बनी हुई है। यह किल्लत कब तक दूर होगी, इस संबंध में कोई भी अधिकारी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है।
अपडेट नहीं हो सके एटीएम के साफ्टवेयर
कैश के किल्लत की एक वजह एटीएम के सॉफ्टवेयर का अपडेट नहीं किया जाना भी है। आरबीआई की ओर से जारी दो सौ के नोट के लिए एटीएम के साफ्टवेयर को अपडेट किया जाना है। प्रक्रिया पिछले तीन महीने से शुरू है। लेकिन अभी तक आधे एटीएम भी अपडेट नहीं हो सके हैं। नतीजा एटीएम में केवल 2000, 500 व 100 रुपए के नोटों को ही लोड करना संभव हो रहा है लेकिन यह नोट आरबीआई से उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
Published on:
10 Apr 2018 04:32 pm
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