
big news Healthy Mineral Not Found in Horlicks
रीवा। यदि आप अपने बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए हॉर्लिक्स पिला रहे हैं तो सावधान हो जाइये। इसमें स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने वाले कोई भी तत्व मौजूद नहीं है। इस बात का खुलासा राज्य खाद्य प्रयोगशाला की रिपोर्ट में हुआ है। राज्य खाद्य प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने के बाद खाद्य एवं औषधि विभाग ने मिथ्याछाप ब्रांड होने पर हॉर्लिक्स के निर्माता एवं स्टॉकिस्ट और विक्रेता पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
खाद्य एवं औषधि विभाग ने 22 मार्च को मनगवां स्थित कामता मेडिकल स्टोर से हॉर्लिक्स के नमूना लेकर जांच के लिए राज्य खाद्य प्रयोग शाला भोपाल भेजा था। 10 मई को आई रिपोर्ट में हॉर्लिक्स के डिब्बे में लिखे हुए मिनरल जांच में नहीं पाए गए। जांच में ब्रांड को मिथ्याछाप बताया गया है। इस रिपोर्ट ने बाजारों में बिक रहे बच्चों के लिए पूरक पोषण आहारों की गुणवत्ता को कटघरे में खड़ा कर दिया है। दरअसल बाजार में बच्चों के पूरक पोषण आहार के नाम पर अभिभावकों को खूब लूटा जा रहा है। कंपनियां लाभ कमाने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही हैं।
तीन लाख तक है जुर्माना
खाद्य एवं सुरक्षा मानक अधिनियम 2006के तहत मिथ्याछाप ब्रांड मिलने पर 3 लाख रुपए तक का जुर्माना है। इस में स्टॉकिस्ट, विक्रेेता, निर्माता एवं वितरक सभी पर जुर्माने का प्रावधान है।
छह मिथ्याछाप व एक मिला अमानक
मई माह में राज्य खाद्य प्रयोग शाला की रिपोर्ट में छह खाद्य पदार्थ जहां मिथ्याछाप मिले है। वहीं खुला बिकने वाला मावा अमानक मिला है। जिन विक्रेताओं के नमूने मिथ्याछाप मिले हैं, उनमें शक्ति नमकीन, कुकिंग मीडियम रिफाइंड तेल, हिमालय सेवाई, टेरा चाकलेटी, हिमालय हनी एवं महाबियान मल्टी विटामिन सीरप शामिल हैं। इस पर इनके विक्रेता व निर्माता सभी पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दर्ज किया है मामला
खाद्य एवं औषधि अधिकारी ओपी साहू ने बताया कि हॉर्लिक्स मिथ्याछाप ब्रांड होने की रिपोर्ट राज्य खाद्य प्रयोगशाला से आई है। इस पर कंपनी के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Published on:
29 May 2018 03:02 am
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