
Chief Minister's one-day solution service can not be started
रीवा. जिले में अफसरों की अनदेखी के चलते हाल में ही चालू की गई तत्काल समाधान योजना पहले माह में ही बेपटरी हो गई। हैरान करने वाली बात तो यह कि जिले में 5 फरवरी को चालू की गई नई व्यवस्था जिला मुख्यालय पर छोड़ ग्रामीण क्षेत्र में शुरू नहीं हो सकी है। जबकि इस व्यवस्था की ज्यादा जरूरत ग्रामीण क्षेत्र में ही है। जिले के 11 लोक सेवा केन्द्रों में से सिर्फ एक केन्द्र रीवा (ग्रामीण) पर चालू हो सकी है। इतना ही नहीं जिला प्रशासन की ओर से तय किए गए शेड्यूल के तहत अधिकारी भी केन्द्र पर पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं।
छह घंटे बाद मिली सेवा
पत्रिका टीम सोमवार दोपहर बाद 3 बजे कलेक्ट्रेट परिसर के लोक सेवा केन्द्र रीवा (ग्रामीण) परिसर पहुंची। केन्द्र परिसर पर सुबह आवेदन देने के बाद सेवा के लिए इंतजार कर रहे थे। पूछने पर हुजूर तहसील क्षेत्र के बांस गांव निवासी रामजी गुप्ता ने बताया कि तत्काल सेवा यानी समाधान एक दिन के तहत सुबह 11 बजे नक्शा एवं खसरा के लिए आवेदन दिया है। शाम को चार बजे देने के लिए बोला गया है। 3.45 बजे तक सेवा नहीं मिली थी। जबकि जिम्मेदारों का दावा है कि दोपहर 1.30 बजे तक आवेदन करने वाले को 3 बजे तक सेवा मिल जाएगी। लेकिन आवेदक को आवेदन देने के करीब पांच घंटे तक सेवा नहीं मिली सकी।
1,302 आवेदन आए, 1,224 को ही मिल सकी सेवा
हुजूर तहसील के हरिहरपुर गांव के रहने वाले रामगोपाल शर्मा चालू खसरा के लिए आवेदन दिए। सेवा के लिए चार घंटे से इंतजार करते रहे। रिकार्ड के अनुसार 5 फरवरी से लेकर 26 फरवरी (3.48 बजे) तक तत्काल सेवा के लिए कुल 1,302 आवेदन आए। जिसमें 1,224 आवेदकों को तत्काल सेवा दिए जाने का दावा किया है। जबकि 77 आवेदकों की सेवा समय के अनुसार नहीं दी जा सकी। जिससे साफ है कि चालू की गई सरकार की नई व्यवस्था पहले माह में ही बेपटरी हो गई है।
केन्द्र पर खाली पड़ी शेड्यूल अधिकारी की कुर्सी
लोक सेवा केन्द्र के शेड्यूल के अनुसार सोमवार को तहसीलदार हुजूर जितेन्द्र तिवारी को लोक सेवा पर आवेदनों के निराकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोपहर तीन बजे से 4 बजे तक तहसीलदार की कुर्सी खाली रही। जबकि केन्द्र के इंचार्ज सुनील सोनी मौजूद रहे। पूछने पर बताया कि तहसीलदार साहब अभी-अभी गए हैं। सुबह से लेकर दोपहर तक दो बार आए और गए, जब पूछा गया कि अभी नहीं बैठे हैं तो इंचार्ज ने बताया कि साहब, अभी आ ही रहे होंगे। केन्द्र पर अधिकारियों के बैठने का शेड्यूल तय है। लेकिन ज्यादातर अधिकारी कार्यालय से लेकर वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त रहते हैं। लोक सेवा केन्द्र पर निर्धारित समय के अनुसार कुर्सी पर नहीं बैठ रहे हैं।
Published on:
27 Feb 2018 12:22 pm
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